हसीना मलिक ऊर्फ मैडम सर कैसे बनीं हर छोटे बच्चेा की प्रेरणा

सोनी सब के ‘मैडम सर’ ने अपने लॉन्‍च से ही प्रमुख मुद्दों को अपनी कहानी में शामिल करके उन पर रौशनी डाली है और यह एक मजबूत संदेश देता आया है। अपने आगामी एपिसोड में भी यह एक बार फिर से उत्‍पीड़न की एक महत्‍वपूर्ण कहानी लेकर आ रहा है और दिखा रहा है कि यह किसी को किस तरह लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। वर्तमान में उत्‍पीड़न और बच्‍चों के मस्तिष्‍क पर पड़ने वाल इसके प्रभाव के बारे में खुलकर बात होती है, लेकिन इसके बावजूद उनका शोषण जारी है। हसीना को एक नया केस मिलता है, जिसमें एक टीनेजर अमृता परीक्षा में परफॉर्मेंस को लेकर जबरदस्‍त दवाब की वजह से खुदकुशी के इरादे से नींद की गोलियां खा लेती हैं। जब हसीना अमृता के परिवार से मिलती है, तो वह अमृता के भाई को देखकर चौंक जाती है, जिसने अतीत में उसका उत्‍पीड़न किया था।

हसीना, जोकि अब एक आत्‍मविश्‍वास से भरपूर बॉस लेडी है, जब अपनी किशोरावस्‍था में थीं, तो पढ़ाई में अच्‍छी नहीं होने की वजह से उसके दोस्‍तों ने उसके साथ बदमाशी की थी। उत्‍पीड़न की कहानी और युवावस्‍था में मस्तिष्‍क पर पड़ने वाले इसके प्रभाव का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है और कुछ मामलों में तो यह इंसान को जानलेवा कदम उठाने तक के लिये मजबूर कर देता है। हसीना अब एक सशक्‍त पुलिस अधिकारी बन चुकी है, लेकिन इसके बावजूद जब उसका सामना अपने अतीत से होता है, तो वह खुद को बेहद कमजोर महसूस करने लगती है। करिश्‍मा उसकी हिम्‍मत बढ़ाती है और कहती है कि वह इस मामले को अपने हाथ में ले, ताकि जो उसके साथ हुआ वो किसी और के साथ न हो। इसलिये हमारी बॉस लेडी एक साहसिक कदम उठाती है और इस मामले को अपने हाथ में ले लेती है। वह अमृता को यह अहसास दिलाती है कि उसकी जिंदगी की क्‍या कीमत है और साथ ही अपने पुराने दर्द से खुद को बाहर निकालने में भी मदद  कर रही है।

क्‍या हसीना अपने अतीत को भुला पायेगी? क्‍या वह अमृता को मनाने में कामयाब हो पायेगी?

 गुल्‍की जोशी, जोकि हसीना मलिक का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, ‘’मैं बहुत खुश हूं कि मैडम सर ऐसे मुद्दों के बारे में बात करता है, जो बच्‍चों को परेशान करती हैं और उनके समग्र विकास को प्रभावित करती हैं। किसी भी स्थिति में शोषण को तत्‍काल रोक दिया जाना चाहिये, क्‍योंकि हर किसी के बर्दाशत करने का स्‍तर अलग-अलग होता है और आप इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते कि यह किसी को किस हद तक प्रभावित कर सकता है। हमारे युवा दर्शकों की संख्‍या काफी अच्‍छी है और उत्‍पीड़न, परफॉर्मेंस प्रेशर जैसी समस्‍याओं का सामना लगभग हर बच्‍चे को करना पड़ता है। अब समय आ गया है कि हम अपने बच्‍चों को बतायें कि परीक्षा और ग्रेड्स से आगे भी जिंदगी है और उन पर दबाव बनाने के बजाय उन्‍हें अपनी गति बनाये रखने के लिये प्रोत्‍साहित करें। उनके आत्‍मविश्‍वास को तोड़ने के बजाय हमें उन्‍हें बढ़ावा देना चाहिये और अगली बार बेहतर प्रयास करने के लिये प्रोत्‍साहित करना चाहिये। शोषण के विरूद्ध सक्रिय कदम उठाये जाने चाहिये। कागज का एक टुकड़ा किसी की अहमियत को परिभाषित नहीं कर सकता है और मैडम सर में हम इस मुद्दे पर जागरूकता फैलाने के लिये अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। हम चाहते हैं कि पैरेंट्स और बच्‍चे दोनों को ही इससे फायदा हो और वे आगे कोई भी कदम सोच-समझ कर उठायें।‘’

 हमारे साथ बने रहिये और देखिये मैडम सर’, सोमवार से शनिवार, रात 10:30 बजे सिर्फ सोनी सब पर!

 

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