मुख्यमंत्री ने हिमाचल निवासियों से पंजाब की तरह जन हितैषी सरकार बनाने की अपील की
पंजाब
लोक कल्याण स्कीमों का विरोध करने के लिए मुख्यमंत्री मान ने प्रधानमंत्री की सख़्त आलोचना की, मोदी को जुमलेबाजी का उस्ताद’ बताया
-हिमाचल के लोगों को पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार के लोक कल्याणकारी कार्यों को बताया
शिमला……..पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल प्रदेश के निवासियों से पंजाब की तरह जन हितैषी सरकार बनाने की अपील की और कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब बदलाव का समय आ गया है।
आज यहाँ हिमाचल निवासियों को शिक्षा की पहली गारंटी देने के अवसर पर मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अब वह समय आ गया है जब हिमाचल निवासियों को आम लोगों के लिए सख़्त मेहनत कर रही ‘आप’ की ‘कारगुज़ारी’ और देश को बर्बाद करने वाली रिवायती पार्टियों के खोखले वादों में से एक का चयन करना होगा। भगवंत मान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की स्थिति भी मार्च, 2022 से पहले के पंजाब की तरह ही है। पंजाब की तरह यहां भी सिर्फ़ रिवायती पार्टियों के बीच ही मुकाबला होता था। उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर किया कि इन पार्टियों ने बेकार कारगुज़ारी का प्रगटावा करने के साथ-साथ टैक्स भरने वालों के पैसे को लूट कर लोगों को धोखा दिया है।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में बदलाव की आँधी चली थी क्योंकि लोगों ने ‘आप’ को बड़ी संख्या में वोटें डाल कर 92 विधायकों को शानदार जीत दिलाई थी। उन्होंने कहा कि रिवायती पार्टियों के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिन्दर सिंह , चरणजीत सिंह चन्नी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम सिंह मजीठिया और नवजोत सिंह सिद्धू को भी अपने हलकों से हार का मुंह देखना पड़ा। भगवंत मान ने उम्मीद जतायी कि मतदान के बाद हिमाचल में भी ऐसा ही दृश्य उभरेगा और राज्य में ‘आप’ की सरकार बनेगी।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुये मुख्यमंत्री ने मोदी को ‘जुमलेबाजी का उस्ताद’ बताया और ‘आप’ सरकार की लोक भलाई स्कीमों को मुफ़्तख़ोरी बता कर निंदा करने के लिए सख़्त शब्दों में आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने मित्रों को कई लाख करोड़ रुपए के लाभ दिए हैं। उन्होंने लोगों को याद करवाया कि नरेंद्र मोदी की तरफ से हर नागरिक के खाते में 15 लाख रुपए देने का वायदा किया गया था परन्तु उल्टा लोगों को बिना किसी योजना के लागू की गई नोटबंदी के कारण बहुत नुक्सान सहना पड़ा। भगवंत मान ने ज़रूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को रोकने में नाकाम रहने के लिए भी प्रधानमंत्री की आलोचना की।
पंजाब में आम आदमी की सरकार की तरफ से पहलकदमियां गिनाते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की तरक्की और लोगों की खुशहाली के लिए राज्य सरकार की तरफ से कई बड़े फ़ैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 50,000 एकड़ कीमती सरकारी ज़मीन पर रसूख लोगों ने कब्ज़ा किया हुआ है। भगवंत मान ने कहा कि इसमें से 9000 एकड़ ज़मीन से कब्ज़ा छुड़वाया जा चुका है और बाकी को जल्द ही नाजायज कब्जों से मुक्त करवा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आम आदमी की सरकार ने पंजाब में 100 आम आदमी क्लीनिक खोले हैं। भगवंत मान ने बताया कि इन क्लीनिकों में लोगों को 100 के करीब क्लिनीकल टैस्टों वाले 41 पैकेज मुफ़्त दिए जा रहे हैं। उन्होंने विश्वास प्रकटाया कि यह क्लीनिक पंजाब में स्वास्थ्य संभाल प्रणाली में सुधार करने के लिए मील पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि 90 प्रतिशत मरीजों का इलाज इन क्लीनिकों से ही होगा जिससे अस्पतालों का बोझ घटेगा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अगले पाँच सालों में राज्य में 16 नये मैडीकल कालेज बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इससे राज्य में मैडीकल कालेजों की कुल संख्या बढ़ कर 25 हो जायेगी, जिससे राज्य मैडीकल शिक्षा के गढ़ के तौर पर उभरेगा। उन्होंने आशा अभिव्यक्ति कि मैडीकल शिक्षा हासिल करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब युक्रेन जैसे मुल्कों में जाने की ज़रूरत नहीं रहेगी और ऐसे विद्यार्थियों को अब इन मैडीकल कालेजों में मानक मैडीकल शिक्षा मुहैया होगी।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि हमारी सरकार ने एक मिसाली पहलकदमी के अंतर्गत समाज के हर वर्ग को प्रति बिल 600 यूनिट बिजली के मुफ़्त मुहैया किये हैं। उन्होंने कहा कि इससे सितम्बर महीने में कुल 74 लाख में से 51 लाख घरों का बिजली का बिल ज़ीरो आऐगा। भगवंत मान ने कहा कि जनवरी में 98 लाख घरों को बिजली बिल ज़ीरो आऐगा, जो राज्य के कुल घरों का तकरीबन 90 प्रतिशत बनता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार ने एक विधायक, एक पैंशन स्कीम शुरू की है, जिससे विधायकों को कई-कई पैंशनों के द्वारा लोगों के पैसे की होती खुली लूट ख़त्म होगी। उन्होंने अफ़सोस प्रकट किया कि पिछले 75 सालों में चुने हुए नुमायंदों ने राज्य के खजाने में से मोटे वेतन और पैंशनें ली। भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं की सहूलतों का समूचा बोझ करदाताओं पर पड़ता था क्योंकि उनका पैसा लोगों की भलाई के लिए बरतने की बजाय इन नेताओं को कई-कई पैंशनें देने पर बेकार गवाया गया।