चारधाम में बढ़ी यात्रियों की संख्या,एक दिन में पहुंच रहे 23 हजार से अधिक श्रद्धालु - Punjab Times

चारधाम में बढ़ी यात्रियों की संख्या,एक दिन में पहुंच रहे 23 हजार से अधिक श्रद्धालु

*केदारनाथ में पहुंचे सबसे अधिक 11 हजार 309 यात्री*

 

*इस यात्राकाल में अब तक आ चुके 40 लाख 92 हजार से अधिक यात्री*

देहरादून

चारधाम यात्रा फिर जोर पकड़ गई है। केदारनाथ धाम में दर्शनार्थियों की लंबी लाइन लग रही है। सोमवार 14 अक्टूबर को 27 हजार 789 तीर्थयात्रियों ने चारधाम दर्शन किए। केदारनाथ की यात्रा कठिन और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद यहां सबसे अधिक 11 हजार 309 यात्री केदार भगवान के दर्शन को पहुंचे। इसी प्रकार बदरीनाथ में 6644, गंगोत्री में 2406 और यमुनोत्री में 3290 यात्रियों ने दर्शन किए। इस यात्राकाल में अब तक कुल 40 लाख 92 हजार 360 यात्री चारधाम दर्शन कर चुके हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल यात्रा प्रबंधन और सतत निगरानी के चलते केदारघाटी की आपदा भी यात्रियों के उत्साह को नहीं डिगा पाई है। यात्रा मार्ग और पड़ावों में सुरक्षा प्रबंध और सभी व्यवस्थाएं बेहतर होने से यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। उत्साह से लबरेज यात्रियों ने इसके लिए मुक्त कंठ से सरकार के प्रयासों को सराहा है। उनका कहना है कि 31 जुलाई की रात को अतिवृष्टि ने केदारघाटी में जिस प्रकार से तबाही मचाई थी, उस स्थिति में पैदल मार्ग को बहाल करना आसान नहीं था। सरकार ने इस कठिन चुनौती को स्वीकार करते हुए यात्रा को जल्द से जल्द बहाल किया। अब अगले माह चारों धामों के कपाट बंद होने वाले हैं, इसलिए यात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।

 

*कोट—*

 

सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed