चंडीगढ़ पर पंजाब का अधिकार खत्म करने के केंद्र के प्रयास तानाशाही और धोखेबाजी : बीबी राजविंदर कौर राजू
पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के उल्लंघन पर अदालती कार्यवाही शुरू की जाए : महिला किसान यूनियन
कहा केंद्र का ताजा फैसला एकतरफा और पंजाबियों के साथ सीधी धूर्तता
चंडीगढ़……. महिला किसान यूनियन ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में पंजाब की सदस्यता समाप्त करने के बाद चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय कानून को लागू करके पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से पंजाब के कानूनी अधिकार को समाप्त करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार के कदमों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि पंजाब और पंजाबी विरोधी भाजपा पार्टी की बिल्ली थैले से बाहर आ गई है जिसका संघीय ढांचे का समर्थन करने वाले सभी पंजाबियों और राज्यों को कड़ा विरोध करना चाहिए।
महिला किसान यूनियन की राष्ट्रीय अध्यक्ष बीबी राजविंदर कौर राजू ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ नगर निगम और पंजाब चुनाव में भाजपा की करारी हार के बाद राजनीतिक पैंतरेबाज़ी के माध्यम से खोया आधार स्थापित करने के लिए मौजूदा प्रणाली की जगह चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय कानून को लागू करके चंडीगढ़ पर पंजाब के कानूनी और आधिकारिक अधिकार को खत्म करना और हर क्षेत्र में पंजाब का 60 प्रतिशत हिस्सा खत्म करना पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 का सीधी उल्लंघन है।
बीबी राजू ने कहा कि चंडीगढ़ पर पंजाब के कानूनी अधिकारों को समाप्त करने के मुद्दे पर पंजाब के खिलाफ साजिश कर रहे केंद्रीय मंत्री और केंद्र सरकार पर पंजाब पुनर्गठन अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए अदालती कार्यवाही शुरू करनी चाहिए क्योंकि राजीव लोंगोवाल समझौते में और विभिन्न आयोगों की सिफारिशों में आधिकारिक तौर पर चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकार को मान्यता दी गई है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का अभिन्न अंग है और इन नियमों को लागू करते समय पंजाब को विश्वास में लिए बिना लिया गया यह निर्णय एकतरफा, तानाशाही और जबरदस्ती है और उस क़ौम के साथ घोर विश्वासघात किया है जिसने देश के लिए बहुत कुर्बानी दी है। उन्होंने आशंका जताई कि ताजा फैसले से चंडीगढ़ के विभागों में नई नियुक्तियों में पंजाबियों का प्रतिनिधित्व और कम हो जाएगा और मातृभाषा पंजाबी भी हाशिए पर चली जाएगी।
किसान नेता बीबी राजू ने कहा कि दशकों से पंजाब सरकार और पंजाब विधानसभा ने सर्वसम्मति से केंद्र से मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को सौंप दिया जाना चाहिए, लेकिन इस मांग को पूरा करने के बजाय किसान आंदोलन का बदला लेने के लिए मोदी सरकार पंजाब के साथ बहाने बना अन्याय कर रही है और ‘एक भारत, महान भारत’ कार्यक्रम के तहत संघीय ढांचे को खत्म करने पर आमादा है।
महिला नेता ने कहा कि इस बार पंजाबियों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को राजनीतिक रूप से हराकर भविष्य का आईना दिखाया है और अब पंजाबी इस भगवा पार्टी को 2024 के संसदीय चुनाव में ‘वोट की चोट’ के साथ सबक भी सिखाएंगे।
उन्होंने मोदी सरकार से इन पंजाब विरोधी फैसलों को तुरंत पलटने की मांग की और पंजाब के सभी सांसदों को पंजाब पर लगातार दबाव के खिलाफ संसद के दोनों सदनों में आवाज उठाने को कहा। बीबी राजू ने मांग की कि पंजाब सरकार को इस मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ एक ठोस कार्यक्रम की घोषणा करनी चाहिए।