स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए योगी ने द‍िए निर्देश, अगले 100 द‍िनों का लक्ष्‍य किया तय - Punjab Times

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए योगी ने द‍िए निर्देश, अगले 100 द‍िनों का लक्ष्‍य किया तय

पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहर बरपाती रही जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को काफी हद तक काबू कर चुकी योगी सरकार अब ऐसी सभी जलजनित बीमारियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ना चाहती है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की कार्ययोजना के लक्ष्य में रखा है कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस और कालाजार जैसी जलजनित बीमारियों के खिलाफ मिशन जीरो चलाया जाएगा।

योगी सरकार-2.0 हर क्षेत्र के लिए लक्ष्य तय कर आगे बढ़ रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के लिए योगी ने निर्देश दिया है कि अगले 100 दिनों में कम से कम 800 नई एंबुलेंस बढ़ाएं। एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की संख्या को एक वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और फिर आगे 500 तक करने का प्रयास रहेगा। 108 एंबुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम को और कम करने पर जोर है।

साथ ही कहा है कि सभी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। आवश्यक मानी जाने वाली करीब 300 दवाओं की कमी न हो। इसकी सतत निगरानी बहुत जरूरी है। मंत्री सहित सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई है कि आरोग्य मेलों में उपस्थित हों और व्यवस्थाओं की बेहतरी के लिए आवश्यक सुझाव भी संकलित करें। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित सभी मंत्री उपस्थित थे।

अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव आयुष प्रशांत त्रिवेदी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनीता सी मेश्राम और प्रमुख सचिव खाद्य एवं औषधि प्रशासन अनीता ङ्क्षसह ने अपने-अपने विभाग की कार्ययोजना प्रस्तुत की।

आयुष, आयुर्वेद और योग के लिए भी कार्ययोजना

  • महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय द्वारा राजकीय एवं निजी आयुष महाविद्यालयों का संबद्धीकरण किया जाएगा। आयुष विश्वविद्यालय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार करेगा। पंचकर्म एवं क्षारसूत्र सहायक का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू होगा।
  • आयुष विश्वविद्यालय में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा के पाठ्यक्रम के रेगुलेशन के लिए नीति बनाई जाएगी। पंजीकरण के लिए योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड की स्थापना की जाएगी। साथ ही आयुष विश्वविद्यालय कैंपस में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद का चिकित्सालय और पाठ्यक्रम शुरू होगा।
  • अगले दो वर्ष में अयोध्या में आयुर्वेद और वाराणसी में होम्योपैथिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय का संचालन शुरू किया जाना है। वाराणसी में पंचकर्म, योग और प्राकृतिक चिकित्सा आधारित काटेज की पीपीपी माडल पर स्थापना का लक्ष्य।
  • अगले छह माह में 279 हेल्थ वेलनेस सेंटर और शेष 26 योग वेलनेस सेंटर का संचालन शुरू किया जाएगा। बस्ती, फतेहपुर, बलिया, जालौन और रायबरेली में 50 शैया एकीकृत आयुष चिकित्सालय का लोकार्पण।
  • औषधीय पौधों की कांट्रैक्ट फार्मिंग के लिए नीति बनाकर जल्द लागू की जाएगी। पांच वर्षों में औषधि निर्माणशाला लखनऊ और पीलीभीत का निगमीकरण।
  • प्रसाद वितरण करने वाले कम से कम 75 धार्मिक स्थलों को ‘भोग’ कार्यक्रम के तहत शामिल किया जाएगा। इसके अलावा 2000 रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानों को हाईजिन रेटिंग दी जाएगी।
  • हर स्मार्ट सिटी में एक क्लीन स्ट्रीट फूड हब स्थापित किया जाना है। ‘ईट राइट कैंपस’ कार्यक्रम के तहत 100 आवासीय शैक्षणिक संस्थानों को शामिल किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed