विकास दिव्यकीर्ति ने तोड़ी चुप्पी, दिल्ली में हुए हादसे के बाद सिस्टम पर भी उठाए सवाल - Punjab Times

विकास दिव्यकीर्ति ने तोड़ी चुप्पी, दिल्ली में हुए हादसे के बाद सिस्टम पर भी उठाए सवाल

नई दिल्ली। दिल्ली के प्रख्यात कोचिंग संस्थान दृष्टि IAS के मालिक डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने ओल्ड राजिंदर नगर की घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। UPSC के तीन छात्रों की मौत के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। इस दौरान विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि वह प्रभासन द्वारा बेसमेंट में चलाई जा रही कोचिंग सेंटर को सील करने की कार्रवाई से पूरी तरह सहमत हैं।

एक दिन पहले कानूनी उल्लंघन के कारण सरकार ने दृष्टि IAS संस्थान का बेसमेंट सील कर दिया था। इस पर डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई से सहमत हूं।

उन्होंने कहा कि राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर में पानी भरने से छात्रों की मौत की घटना से उत्पन्न आक्रोश जायज है। उन्होंने अधिकारियों से कोचिंग संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश लागू करने की मांग की।

इसके साथ ही दिव्यकीर्ति ने कहा कि मैं इस चीज से बचता हूं कि हम सारी गलती किसी पर थोप दें। विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि अलग-अलग कानून, अलग-अलग एजेंसियों में कोऑर्डिनेशन की कमी है। उन्होंने भ्रष्टाचार की तरफ इशारा किया। मैं भी उस वीडियो को देखकर काफी परेशान रहा।

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बेसमेंट को लेकर लोगों की नाराजगी जायज- दिव्यकीर्ति

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ लंबी बातचीत में डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, बेसमेंट को लेकर लोगों में इस समय काफी नाराजगी दिखाई दे रही है। हम भी इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि बेसमेंट को सील कर देना चाहिए। लेकिन दिल्ली मेट्रो बेसमेंट में चलती है, अंडरग्राउंड है। पालिका बाजार बेसमेंट में ही है। दिल्ली के लगभग हर मॉल के बेसमेंट में बहुत बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स हैं क्योंकि वहां बेसमेंट सही तरीके से बनाया गया है।

हम अब कभी बेसमेंट में काम नहीं करेंगे- दिव्यकीर्ति

उन्होंने कहा, मैं ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं कि हमने बेसमेंट का पूरा लेआउट स्ट्रक्चर NOC के लिए MCD, DDA और फायर डिपार्टमेंट को सौंप दिया है और अभी तक वहां से कोई रिजेक्शन नहीं आया है… लेकिन इसके बावजूद पिछले 3 दिनों में जो कुछ हुआ, उसे देखकर मुझे लगता है कि यह लापरवाही थी। हमारे मन में कभी यह विचार नहीं आया और मैं खुले तौर पर कह रहा हूं कि अगर भविष्य में हमें परमिशन मिल भी जाती है, तो भी हम बेसमेंट में काम नहीं करेंगे। मैं आपको यह आश्वासन देता हूं। एक भी कोचिंग संस्थान बेसमेंट नहीं चलाना चाहिए।

बच्चों की सुरक्षा का रखा जाता है पूरा ध्यान- दिव्यकीर्ति

उन्होंने आगे कहा कि बिल्डिंग सेफ्टी नॉर्म्स के मामले में जिस तरह का प्रयास हम करते हैं, मुझे यकीन है कि आपको वो कहीं और नहीं मिलेगा। हमने 1.5 साल पहले एक डिवीजनल हेड रैंक का अधिकारी नियुक्त किया था, जो सिर्फ बिल्डिंग की सेफ्टी देखता है। जनवरी 2023 में हमने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया, मैं उसका मेंबर हूं, उस ग्रुप का काम 16 पॉइंट्स चेक करना है कि दरवाजे खुले हैं, फायर एग्जिट साफ है, उस पर कोई रुकावट तो नहीं है, छत के दरवाजे खुले हैं ताकि इमरजेंसी में छात्रों को बाहर निकाला जा सके। इन 16 पॉइंट्स को रोज चेक किया जाता है…मैं चाहूंगा कि आपको मौका मिले अगर आप सर्वे कर सकें, दिल्ली या दिल्ली से बाहर हमारी किसी भी ब्रांच में चले जाएं, अगर किसी बिल्डिंग में कम से कम 2 एग्जिट नहीं हैं तो मैं जिम्मेदार हूं।

हम ऐसी बिल्डिंग किराए पर नहीं लेते जिनमें फायर एग्जिट न हो…सिर्फ इतना कि किसी भी हालत में किसी बच्चे या स्टाफ की जान से समझौता न हो। यही हमारी मंशा है। मुझसे समझने में गलती हो गई, मैं पूरे देश से, पूरे समाज से क्षमा मांगता हूं कि गलती हो गई, भविष्य में यह गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए।”

इससे पहले संस्थान का बेसमेंट सील किए जाने के बाद सोमवार रात बड़ी संख्या में छात्रों ने उनके घर के बाहर जमा होकर इस मामले पर प्रतिक्रिया देने की मांग की थी।

अपना पक्ष देरी से रखने के लिए मैं मांफी मांगता हूं- दिव्यकीर्ति

दिव्यकीर्ति ने ‘एक्स’ पर साझा किए गए अपने बयान में कहा, हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। दरअसल, हम अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ नहीं कहना चाहते थे। इस देरी के लिए हम हृदय से क्षमा चाहते हैं।

दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ बैठक पर दृष्टि आईएएस के संस्थापक और एमडी डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा, इस मुद्दे को उपराज्यपाल द्वारा संभाला जा रहा है, वहां बहुत से नौकरशाह मौजूद थे, लेकिन दिल्ली सरकार का कोई भी नेता मौजूद नहीं था…यह देखकर अच्छा लगा कि उपराज्यपाल इतने सक्रिय थे…एक छोटी समिति बनाई गई है, जिसमें मैं और कई अन्य शिक्षक भी शामिल हैं और डीडीए और एमसीडी प्रमुख भी इसका हिस्सा हैं। बैठकें करने के बाद हम समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

विकास दिव्यकीर्ति अब तक चुप क्यों रहे

दिल्ली में हुए हादसे पर अब तक अपनी कोई राय साझा न करने के बारे में दृष्टि आईएएस के संस्थापक दिव्यकीर्ति ने कहा कि यह उनका स्वभाव है और वे बहुत ज्यादा अभिव्यक्त नहीं होते हैं।

दिव्यकीर्ति ने इंटरव्यू में कहा, यह मेरा स्वभाव है, मैं बहुत ज्यादा अभिव्यक्त नहीं होता हूं। तीन बच्चों की मौत हो गई और यह एक दर्दनाक मौत थी। पिछले तीन दिनों से, जब भी हम घर पर बात करते हैं या मैं सोने जाता हूँ, तो मेरे दिमाग में एक छवि बनती है कि जब पानी अंदर भर गया था, तो उन बच्चों पर क्या गुजरी होगी… अभी जो छात्र विरोध कर रहे हैं, वे सभी बातें सही हैं। यह अच्छा है कि मैं आज (मंगलवार) तीन-चार छात्रों से मिला हूँ।

मेरी दिल्ली के एलजी के साथ मीटिंग हुई थी। उस मीटिंग में कुछ छात्र भी आए थे और कई संस्थानों के मालिक भी थे। दिल्ली सरकार के बड़े अधिकारी भी थे, डीडीए, एमसीडी, अग्निशमन विभाग और मुख्य सचिव भी शामिल हुए।

UPSC के तीन उम्मीदवारों की मौत

उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन दलविन नामक तीन छात्रों की 27 जुलाई की शाम को ओल्ड राजिंदर नगर में कोचिंग संस्थान की इमारत के बेसमेंट में बारिश का पानी घुस जाने से मौत हो गई थी।

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