दून शहर में वाहन चालकों के लिए ‘काल’ बन रही अंधेरी सड़कों के कारण हो रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग प्रमुख सड़कों का सेफ्टी ऑडिट करने जा रहा है। प्रारंभिक चरण में शहर की 14 सड़कों को इसमें चिह्नित किया गया है।
सेफ्टी ऑडिट में सड़कों की स्ट्रीट लाइट की पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। कहां लाइट खराब है, कहां नहीं लगी हैं और कहां जरूरत है, इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला-प्रशासन को सौंपी जाएगी। इस दौरान सड़क के ब्लैक स्पाट भी चिहि्नत किए जाएंगे।
दून शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था व लगातार बढ़ रही दुर्घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ही नहीं बल्कि सर्वोच्च न्यायालय भी नाराजगी जता चुका है। गत 11 नवंबर की मध्य रात्रि ओएनजीसी चौक पर हुई सड़क दुर्घटना में छह युवाओं की मौत के मामले ने तो पूरे देश को चिंतित कर दिया था। इस दुर्घटना में युवाओं की कार की बेलगाम गति जितनी कसूरवार थी, उससे अधिक दोषी शहर में पुलिस की रात्रि चेकिंग में लापरवाही को माना गया।
सर्वोच्च न्यायालय की समिति की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में भी दुर्घटना का कारण चेकिंग में लापरवाही को ठहराया गया है। दुर्घटनाओं के कारणों और इन पर नियंत्रण को लेकर सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों पर सर्वोच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर तक रिपोर्ट भी मांगी हुई है। इसी क्रम में सड़कों के गड्ढ़े भरने के साथ चौड़ीकरण की कसरत भी की जा रही है।
दूसरी ओर, दुर्घटनाओं पर नियंत्रण को लेकर परिवहन विभाग ने सड़कों का ऑडिट करने की तैयारी भी शुरू कर दी है। आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि शहर में पूर्व में हुई दुर्घटनाओं के कारणों की जांच में एक प्रमुख कारण सड़कों पर प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था न होना भी पाया गया। यह देखा गया कि शाम छह बजे से रात्रि दो बजे के बीच दुर्घटना का ग्राफ अधिक रहा है और इसका प्रमुख कारण सड़क पर स्ट्रीट लाइट खराब होना या लाइट लगी न होना सामने आया।
सड़क पर अंधेरा होने के कारण वाहन चालकों को तीव्र मोड या ब्लैक स्पाट नजर नहीं आते और दुर्घटना हो जाती है। इसी के तहत एआरटीओ प्रवर्तन समेत चार अफसरों की टीम बनाकर पहले चरण में 14 प्रमुख सड़कों का सेफ्टी ऑडिट शुरू किया जाएगा। इसके बाद शहर की अन्य सड़कों की पड़ताल भी की जाएगी।