कुत्तों से रहिए सावधान काट लिया तो नहीं मिलेगी एंटी रैबीज वैक्सीन

यहां कुत्तों से रहिए सावधान, क्योंकि काट लिया तो नहीं मिलेगी एंटी रैबीज वैक्सीन
देहरादून,  सरकारी अस्पतालों सहित निजी मेडिकल स्टोरों में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म होने से बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। कुत्ते के काटने पर लोग उपचार के लिए यहां वहां मारे-मारे फिर रहे हैं। स्थिति यह कि वैक्सीन के लिए वह अब सिफारिश भी कर रहे हैं और गुजारिश भी। पर हालात ये हैं कि साम से बात बन रही है, न दाम से। हद देखिए कि शहर के महापौर तक ने चिट्ठी भेज दी, पर वैक्सीन का इंतजाम फिर भी नहीं हुआ।
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल समेत शहर के तमाम सरकारी अस्पतालों में चार माह से खत्म एंटी रैबीज इंजेक्शन खत्म हैं। यही नहीं, बाजार में भी वैक्सीन नहीं मिल रही। ऐसे में इस समस्या को लेकर अब लोग जनप्रतिनिधियों के पास तक जाने लगे हैं। चिन्हित राज्य आदोलनकारी समिति के जिलाध्यक्ष बीडी नौटियाल ने इसकी शिकायत महापौर सुनील उनियाल गामा से की।
महापौर ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा को वैक्सीन की व्यवस्था कराने को चिट्ठी लिखी। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा कि शहर के विभिन्न इलाकों में बहुत कुत्ते-बंदर हैं और वह आए दिन लोगों को काट रहे हैं। अस्पताल में वैक्सीन नहीं होने से लोगों को निजी मेडिकल स्टोरों से दो हजार रुपये तक में वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है। उधर, डॉ. टम्टा का कहना है कि बार-बार टेंडर करने के बाद भी कोई कंपनी सप्लाई के लिए नहीं आ रही है। इस कारण दिक्कत आ रही है। क्यों हुई समस्या अभी तक तीन कंपनिया वैक्सीन का उत्पादन करती थीं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के निरीक्षण में इनमें दो में उत्पादन मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया।
ऐसे में इनका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। अब केवल एक कंपनी वैक्सीन बना रही है। पर यह अकेले डिमाड के मुताबिक सप्लाई नहीं दे पा रही है। स्थिति ये है कि बाजार में भी वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है। पिछले काफी वक्त से वैक्सीन की सप्लाई नहीं आ रही। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। किसी के पास अगर वैक्सीन बची हुई है, तो काम चल पा रहा है।

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