जम्मू-कश्मीर में सरकार गिरने के बाद पहली बार राजनाथ सिंह राज्य के दौरे पर
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद पहली बार दो दिवसीय कश्मीर दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के सुरक्षा हालात का जायजा लिया। उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा, संयुक्त सचिव जम्मू व कश्मीर ज्ञानेश कुमार भी आए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह श्रीनगर में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेंगे। दो दिवसीय दौरे पर आए राजनाथ सिंह आज शाम दिल्ली लौट जाएंगे । वह बाबा अमरनाथ यात्रा के प्रबंधों पर उच्च स्तरीय बैठक में विचार-विमर्श भी करेंगे।
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे का आज दूसरा दिन है। वह आज सुबह 9.55 से 10.25 बजे के बीच अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करेंगे। इसके बाद बद श्रीनगर लौटकर दोपहर 2 से 3 बजे के बीच राज भवन में बैठके करेंगे। इसके बाद शाम 5 बजे दिल्ली के लिए निकलेंगे। राजनाथ के साथ इस दौरे पर गृह सचिव भी गये हुए हैं।
गृह मंत्री ने श्रीनगर में राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ बैठक कर राज्य के मौजूदा आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के साथ राज्यपाल शासन लागू होने के बाद रियासत में पैदा राजनीतिक हालात, स्थानीय युवाओं को सकारात्मक कार्याें में प्रोत्साहित करने और विकास योजनाओं से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।
इस दौरान राज्यपाल ने गृह मंत्री को श्री अमरनाथ यात्रा और गत रोज बालटाल में भूस्खलन से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए किए गए कार्याें की जानकारी भी दी। इसके बाद राजनाथ ने अजीत डोभाल के साथ हरिनिवास में राज्यपाल के सलाहकार बीबी व्यास, के विजय कुमार, खुर्शीद अहमद गनई, मंडलायुक्त कश्मीर, राज्य पुलिस महानिदेशक डॉ. एसपी वैद, महानिदेशक सीआरपीएफ जम्मू कश्मीर, गृह सचिव के साथ एक बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
सूत्रों के मुताबिक, राजनाथ ने देर शाम वादी के विभिन्न वर्गाें से संबंधित कुछ प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की। इससे पूर्व शाम करीब सवा चार बजे टेक्नीकल एयरपोर्ट पहुंचने पर केंद्रीय गृह मंत्री की मुख्य सचिव बीवी आर सुब्रह्मण्यम सहित अन्य अधिकारियों तथा अर्द्धसैनिकबलों के वरिष्ठ अफसरों ने आगवानी की।
पवित्र गुफा से लौटने के बाद वह श्रीनगर में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों और राज्य पुलिस के आालधिकारियों की एक संयुक्त बैठक में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने, आतंकरोधी अभियानों के संचालन, श्री अमरनाथ की यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित बनाने, नए लड़कों की आतंकी संगठनों में भर्ती रोकने की रणनीति पर भी विचार विमर्श करेंगे।
शाम को नई दिल्ली रवाना होने से पूर्व वह राज्य प्रशासन के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत जारी विभिन्न विकास योजनाओं, सीमावर्ती इलाकों के लोगों के लिए बनाए जा रहे बंकरों और सीमा पुलिस की वाहिनियों के गठन के मुद्दे पर भी बैठक करेंगे।
बैठक में राज्य में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की तरफ से खतरों, खासकर अमरनाथ यात्रा पर खतरों की समीक्षा की जाएगी तथा उन्हें बेअसर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की समीक्षा की जाएगी। सुरक्षित और बिना किसी घटना के अमरनाथ यात्रा संपन्न कराना सुरक्षा विभाग के लिए शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है और इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार इसमें कोई कसर नहीं छोड़ रहीं हैं।
बैठक में कश्मीर घाटी में आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान स्थानीय नागरिकों की पत्थरबाजी से उत्पन्न अवरोध को कम से कम करने की कोशिशों पर चर्चा होगी। लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े विदेश आतंकवादियों तथा अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने की ताक में लगे आतंकवादियों को भारत में घुसने से रोकने के लिए नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सतर्कता बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने पर चर्चा होगी। अमरनाथ यात्रा के लिए लगभग दो लाख श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है। जम्मू एवं कश्मीर में संघर्ष विराम के उल्लंघन तथा अन्य आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा कदम उठाए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी से गठबंधन तोड़कर सरकार गिरने के बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद राजनाथ सिंह पहली बार राज्य के दौरे पर जा रहे हैं।