हरक सिंह रावत ने एक बार फिर तेवर दिखाए, विधानसभा चुनाव के लिए बुलाई गई भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में नहीं हुए शामिल - Punjab Times

हरक सिंह रावत ने एक बार फिर तेवर दिखाए, विधानसभा चुनाव के लिए बुलाई गई भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में नहीं हुए शामिल

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत ने एक बार फिर तेवर दिखाए हैं। विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत बुलाई गई प्रदेश भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक में वह शामिल नहीं हुए। माना जा रहा कि पार्टी नेतृत्व ने लैंसडौन सीट से उनकी पुत्रवधू को टिकट दिए के संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया है, जिससे वह नाराज हैं और इसीलिए वह बैठक में शामिल नहीं हुए। यद्यपि, फोन पर बातचीत में हरक सिंह ने कहा कि उन्हें बैठक की सूचना नहीं मिल पाई थी, जिस कारण वह इसमें शामिल नहीं हो पाए।

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत कुछ समय पहले कोटद्वार मेडिकल कालेज को लेकर चर्चा में रहे थे। अब लैंसडौन क्षेत्र से भाजपा विधायक दिलीप रावत और उनके मध्य रार छिड़ी है। असल में हरक सिंह रावत लैंसडौन क्षेत्र से अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लिए पार्टी नेतृत्व से टिकट मांग रहे हैं। इस संबंध में वह केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी से भी मिल चुके हैं।

उधर, विधायक दिलीप रावत ने भी हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उन्होंने बीते दिवस इशारों ही इशारों में हरक सिंह पर तंज कसा था। साथ ही कहा था कि वह परिवारवाद के विरुद्ध नहीं हैं, लेकिन यह भी देखा जाना चाहिए कि जिसे टिकट दे रहे हैं उसका राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में योगदान क्या है।

शनिवार को हरक तब फिर चर्चा में आ गए, जब प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बुलाई गई कोर गु्रप की बैठक में वह नहीं पहुंचे। हरक की गैरमौजूदगी को लेकर बैठक स्थल से लेकर इंटरनेट मीडिया तक में चर्चा होने लगी। चर्चा यह भी रही कि पार्टी ने एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में हरक को भी दो टूक बता दिया गया है। परिणमस्वरूप नाराज हरक पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होने नहीं आए। संपर्क करने पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वह किसी कार्यवश दिल्ली गए थे।

जहां तक कोर ग्रुप की बैठक की बात है तो इसकी सूचना उन्हें नहीं मिल पाई थी। शनिवार को जब इस बारे में उन्होंने प्रदेश मुख्यालय से फोन पर संपर्क किया तो बात सामने आई कि मोबाइल पर बैठक का संदेश भेजा गया था, लेकिन यह उन तक नहीं पहुंचा। हरक ने संभावना जताई कि संभवत: यह संदेश उनके पूर्व जनसंपर्क अधिकारी के पास चला गया होगा। उन्होंने किसी प्रकार की नाराजगी से इनकार किया।

दूसरी ओर, हरक के दिल्ली दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर चर्चाएं शुरू हो गईं। चर्चा यह भी रही कि उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं से भेंट की। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। हरक पिछले कुछ महीनों के दौरान कई बार कांग्रेस में वापसी को लेकर चर्चा में रहे हैं और हर बार उन्होंने कांग्रेस में लौटने की संभावना से इन्कार ही किया।

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