बताया जाता है कि पास के जंगल से लगी आग आबादी तक पहुंच गई। इसकी चपेट में आने से ग्रामीणों के लकड़ी से निर्मित दो मंजिला आवासीय भवन भी लपटों से घिर गए। इस अग्निकांड से प्रभावित परिवारों को लाखों के नुकसान का अनुमान है। एसडीएम योगेश सिंह मेहरा ने तहसीलदार त्यूणी से घटना की जांच रिपोर्ट तलब की है।
तहसील मुख्यालय से करीब बीस किमी दूर सीमांत रडू पंचायत के खेड़ा रूपाहा में कई परिवार रहते हैं। यहां उनकी कृषि भूमि व सेब के बगीचे हैं। खेती-बागवानी से जुड़े ग्रामीण घर से कुछ दूर बगीचे में काम करने गए थे। ग्रामीणों ने बताया कि पास के जंगल से फैली आग की चपेट में आने से स्थानीय कृषक उदय सिंह के मकान में सबसे पहले आग लगी।
लकड़ी से निर्मित दो मंजिला मकान में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया। इससे पड़ोस में रहने वाले सुरेंद्र व जसरी देवी के दो अन्य मकान भी लपटों से घिर गए। तीनों परिवारों के मकान धू-धूकर जलने लगे। यह देख ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई।
स्थानीय लोगों ने अपने निजी संसाधनों से आग बुझाने का प्रयास किया पर आग के सामने उनका कोई बस नहीं चला। पीड़ित परिवार के लोगों ने बताया कि इस घटना में घरों में रखा गृहस्थी का सारा कीमती सामान नष्ट हो गया। उनकी वर्षों की मेहनत आग की भेंट चढ़ गई। बेघर हुए प्रभावित परिवारों ने शासन प्रशासन से आर्थिक मदद का आग्रह किया है।