इन लक्षणों से पहचाने कहीं आप भी डिप्रेशन का शिकार तो नहीं - Punjab Times

इन लक्षणों से पहचाने कहीं आप भी डिप्रेशन का शिकार तो नहीं

इस बात से कोई इंकार नहीं करेगा कि अब हमारे समाज में भी अवसाद यानी डिप्रेशन को एक गंभीर बीमारी के रूप में देखा जाने लगा है और ये बदलाव सराहनीय है। पिछले कई सालों तक डिप्रेशन से घिरे इंसान को कमज़ोर माना जाता था। लेकिन अब इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है और अब इसे एक गंभीर मानसिक स्वास्थ की तरह देखा जाता है, जिसे उचित इलाज की ज़रूरत होती है।

हालांकि, अवसाद को सही तरीके से समझना अब भी बाकी है क्योंकि ज़रूरी नहीं है कि हर व्यक्ति में इसके एक से ही लक्षण नज़र आएं। बहुत से लोग अवसाद के साथ अपने संघर्षों के बारे में खुल कर बात करते हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो किसी से साझा करने की बजाय चुपचाप अपनी लड़ाई लड़ने में यकीन करते हैं। यह समझना ज़रूरी है कि अवसाद एक तरह का नहीं होता बल्कि यह विभिन्न लोगों को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करता है।

अवसाद के कुछ ही लक्षण होते हैं, लेकिन लक्षणों की गंभीरता एक व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करती है। हम आपको बता रहे हैं ऐसे तीन लक्षणों के बारे में जिनसे पता लगाया जा सकता है कि कहीं आप भी डिप्रेशन में तो नहीं!

आपको अपना मन बनाने में परेशानी आती है

हम सभी के साथ ऐसा कई बार होता है जब हम किसी चीज़ को लेकर फैसला नहीं कर पाते हैं। हालांकि, अगर आपको रोज़ क्या पहनें, क्यां पकाएं या खाली वक्त में क्या करें जैसी रोज़मर्रा की जिंदगी में भी ऐसी परेशानी आती है तो मामला गंभीर है।

आपके शरीर में हर वक्त दर्द रहता है

अवसाद कई अलग-अलग तरीकों से असर करता है और इसमें से एक है लगातार दर्द होना। अगर आप भी अपने शरीर के किसी अंग में ऐसा दर्द महसूस कर रहे हैं जो लगातार हो रहा है और पैनकिलर से भी ठीक नहीं हो रहा, तो इसके पीछे डिप्रेशन भी वजह हो सकती है। एक रिचर्स के मुताबिक, 65 प्रतिशत डिप्रेशन के मरीज़ों को कहीं न कहीं शरीर में दर्द भी रहता है।

बाल सवारना छोड़ दिया है

बाल सवारने के साथ आपने नहाना भी छोड़ दिया है। आप अपने ऊपर कम समय बिताना शुरू कर रहे हैं और इससे आपको परेशानी भी नहीं हो रही। अपने अच्छे दिनों में, आप अपने वर्क आउटफिट को पहले से तैयार कर सकते हैं, लेकिन यदि आप अवसाद में जा रहे हैं, तो आपको अलमारी में जो पहली चीज़ दिखेगी उसे पहन लेंगे। अगर आपने अपनी उपस्थिति के बारे में परवाह करना छोड़ दिया है तो यह बेहद गंभीर बात है।

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