जीवन बीमा लेते समय न करें ये गलतियां,हो सकता है नुकसान - Punjab Times

जीवन बीमा लेते समय न करें ये गलतियां,हो सकता है नुकसान

माता-पिता के साथ छात्र और अविवाहित व्यक्ति हर किसी को आर्थिक रूप से जीवन बीमा पॉलिसी की आवश्यकता हो सकती है। जैसे-जैसे एक उम्र और वित्तीय देनदारियां बढ़ती हैं, जीवन बीमा की जरूरत भी बढ़ती है। अक्सर जीवन बीमा लेते समय कुछ गलतियां हो जाती हैं। इसलिए इसके बारे में जानते हुए भी अनदेखा करना सही नहीं है। हम इस खबर में आपको ऐसी ही कुछ गलतियों के बार में बता रहे हैं जिन्हें करने से आप बचें।

बीमा को निवेश न मानें: जीवन बीमा आय के दूसरे विकल्प के तौर पर काम करता है। जीवन बीमा को निवेश के तौर पर सोचना गलत है। निवेश का उद्देश्य जोखिम के साथ उच्च रिटर्न प्राप्त करना है जबकि जीवन बीमा का उद्देश्य आपकी बचत और निवेश की रक्षा करना है। एक व्यक्ति को कितना बीमा चाहिए यह हर कोई जानना चाहता है। जीवन बीमा आवश्यकता या तो वार्षिक आय या वार्षिक खर्च पर आधारित है। सही बीमा राशि प्राप्त करने में आपकी सहायता के लिए कई जीवन बीमा कैलकुलेटर हैं। जीवन बीमा को एड होक आधार पर या केवल कर बचत के लिए खरीदने की गलती से बचें।

गलत बीमा का का चयन: विभिन्न प्रकार की जीवन बीमा पॉलिसियां हैं, मसलन, टर्म इंश्योरेंस, रिटर्न ऑफ प्रीमियम टर्म प्लान सहित पारंपरिक योजनाएं, यूलिप इत्यादि। जीवन बीमा लेने से पहले यह पता करें कि आपके लिए कौन सा बीमा है, कौन सा बीमा सही है। बीमा लेने से पहले इसकी तुलना कर लें। एजेंट के बारे में पूरी जानकारी जुटा लें। क्योंकि कई बीमा एजेंट आपको ठगते हैं। अगर आपने गलत बीमा का चयन कर लिया तो फिर आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।

लम्बे समय के लिए बीमा लें: जीवन बीमा लम्बे समय के लिए होता है। अगर समय से पहले आप इसे छोड़ देते हैं तो यह आपके लिए घाटे की बात होगी। मैच्योरिटी से पहले जीवन बीमा समर्पण का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन कुछ जीवन बीमा में समर्पण का मूल्य बहुत कम है। युलिप्स में सरेंडर चार्ज बीमा के पांच साल के बाद सामान्यत शून्य होता है।

पॉलिसी लैप्स होना: दावा खारिज होने से बचाने के लिए पॉलिसी के तहत प्रीमियम का भुगतान समय-समय पर करते रहें। यदि प्रीमियम भुगतान के कारण आपकी पॉलिसी समाप्त हो गई है तो, आपका बीमाकर्ता आपके दावे को अस्वीकार कर सकता है। यदि पॉलिसी समाप्त होने के एक दिन बाद भी दावा किया जाता है, तो बीमा कंपनी दावे को खारिज कर सकती है।

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