सैन्यधाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया - Punjab Times

सैन्यधाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया

उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में बनने वाले सैन्यधाम के शिलान्यास को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को देहरादून आ रहे हैं। इस दौरान शहीद सम्मान यात्रा का भी समापन होगा। रक्षा मंत्री गुनियाल गांव में सैन्यधाम के भूमि पूजन व शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के साथ ही जनसभा को भी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में 204 शहीदों के स्वजन व वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा। सैन्यधाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है।

मंगलवार को विधानसभा में पत्रकारों से बातचीत में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने बताया कि सैन्यधाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लाई गई है। इसके लिए 15 नवंबर को गढ़वाल मंडल के सबाड गांव और कुमाऊ मंडल के मुनाकोट गांव से शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी। बुधवार को इस यात्रा का समापन सैन्यधाम में होगा। शहीदों के आंगन से लाई गई मिट्टी को एक बड़े कलश में रखा जाएगा।

इसके बाद इसे सैन्यधाम में बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री ने बताया कि लगभग 50 बीघा भूमि पर सैन्यधाम को 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। इसके प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और बाबा हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जाएगा। इन दोनों वीर सैनिकों को सेना में भी पूजा जाता है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष के भीतर सैन्यधाम के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। सैन्यधाम में द्वितीय विश्वयुद्ध से लेकर अब तक प्रदेश के जितने भी सैनिक शहीद हुए हैं, सबके चित्र लगाए जाएंगे और उनके बारे में जानकारी दी जाएगी।

इसके अलावा धाम में लाइट एंड साउंड सिस्टम, टैंक, जहाज व अन्य सैन्य उपकरण भी रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि बुधवार को शहीद सम्मान यात्रा के समापन पर जनसभा का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि सैन्यधाम के निर्माण को लेकर आ रही अड़चन दूर हो गई है। सरकार ने इसके रास्ते में आ रही 8.5 बीघा भूमि को संबंधित व्यक्ति को अन्यत्र स्थान पर देने का निर्णय लिया है।

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