चैत्र नवरात्रः पहले दिन मां शैलपुत्री की स्तुति, इस बार बन रहे मंगलकारी योग - Punjab Times

चैत्र नवरात्रः पहले दिन मां शैलपुत्री की स्तुति, इस बार बन रहे मंगलकारी योग

देहरादून। आज से चैत्र नवरात्र शुरू हो गए हैं। घर-घर में देवी का दरबार सज गया है। पहले दिन मां शैलपुत्री की स्तुति की गई। वहीं, मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। ज्योतिषियों का मानना है कि इस चैत्र नवरात्र में बन रहे मंगलकारी संयोग सफलता प्रदान करने वाले होंगे।

आज से शुरू हो हुए चैत्र नवरात्र 14 अप्रैल तक चलेंगे। मंदिरों, घरों में माता का दरबार सजकर तैयार हो चुका है। रंगीन रोशनी और फूलों से मंदिरों को सजाया गया है। शुभ मुहूर्त में घट स्थापना की जा रही है।

चैत्र नवरात्र पर पहले दिन मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री का आह्वान किया गया। इन्हें मां के समस्त वन्य जीव जंतुओं का रक्षक माना जाता है। इनकी आराधना से आपदाओं से मुक्ति मिलती है। इन दिनों श्रद्धालु मां के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना कर व्रत रखेंगे।

टपकेश्वर मंदिर के महंत श्री 108 कृष्ण गिरी महाराज ने बताया कि नौ दिन देवी मां का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। पूजा-अर्चना के लिए खास व्यवस्था की गई है। वैष्णो देवी गुफा मंदिर में भी महिला कीर्तन मंडली द्वारा हर दिन भजनों की सुंदर प्रस्तुति का कार्यक्रम है। पृथ्वीनाथ मंदिर में घट स्थापना के साथ ही मां का विशेष श्रृंगार किया गया।

बन रहे मंगलकारी योग

ज्योतिषियों का मानना है कि इस चैत्र नवरात्र में बन रहे मंगलकारी संयोग सफलता प्रदान करने वाले होंगे। श्री सिद्ध हनुमान मंदिर, श्री बालाजी धाम झाझरा के संरक्षक बाबा हठयोगी ने बताया कि अष्टमी और नवमी साथ-साथ होने के कारण स्मार्त (ग्रहस्थों) के लिए अष्टमी और नवमी 13 अप्रैल को रहेगी। इस दिन सुबह 11.41 बजे तक अष्टमी है।

इसके बाद नवमी शुरू हो जाएगी। इस मत में मध्यान्ह व्यापिनी नवमी को राम नवमी मानते हैं। वैष्णव (सन्यासी) नवमी के वृत का परायण 14 अप्रैल को करेंगे। उस दिन नवमी तिथि सुबह 9.35 बजे तक रहेगी। बताया कि शक्ति की उपासना का पर्व चैत्र नवरात्र की शुरुआत छह अप्रैल को होगी।

नौ दिनों में इस बार पांच सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग और रवि पुण्य का संयोग बनेगा। नौ दिनों में बन रहे मंगलकारी संयोग देवी की साधना में सफलता प्रदान करने वाले होंगे।

श्री सिद्ध हनुमान मंदिर, श्री बालाजी धाम झाझरा समिति अध्यक्ष भीम सिंह पुंडीर, सचिव अजय गोयल, सहसचिव अक्षय नागलिया ने बताया कि घट स्थापना इस बार रेवती नक्षत्र की जा रही है। ज्योतिर्विदों का मानना भी है कि श्रीमद् देवी भागवत व देवी ग्रंथों के अनुसार इस तरह के संयोग कम ही बनते हैं। इसलिए यह नवरात्रि देवी साधकों के लिए खास रहेगा।

सात अप्रैल को दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि संयोग, आठ अप्रैल को तीसरे दिन रवि योग, नौ अप्रैल को चौथे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, दस अप्रैल को पांचवें दिन लक्ष्मी पंचमी के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, 11 अप्रैल को छठे दिन रवियोग, 12 अप्रैल को सातवें दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, 13 अप्रैल को अष्टमी पर कुलदेवी पूजन व स्मार्त (ग्रहस्थ) मतानुसार नवमी पूजन होगा।

चैत्र माह त्रयोदशी तिथि महादेव और सती माता का विवाह महोत्सव इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जाएगा। 19 अप्रैल को श्री हनुमान जयंती महोत्सव में सुबह पांच बजे अभिषेक, सुबह आठ बजे हनुमान जी संकट मोचन यज्ञानुष्ठान व 12 बजे भंडारे का आयोजन किया जाएगा। वहीं हनुमदधाम विकासनगर में छह अप्रैल को नवरात्र पर प्रात: साढ़े छह बजे से गायत्री मंत्र व सूर्यमंत्र जाप किया जाएगा। समिति अध्यक्ष विष्णु महावर ने बताया कि हवन यज्ञ व भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।

गंगा स्नान कर पुण्य कमाया 

चैत्र नवरात्र के शुभ आगमन पर तीर्थ नगरी ऋषिकेश क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर दान पुण्य किया। नवरात्रों और नव संवत्सर पर लोगों ने अपने घरों में विधिवत पूजा अर्चना के साथ घट की स्थापना की। यहां के मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने पूजन किया। अन्य जनपदों से भी श्रद्धालु यहां गंगा स्नान और मंदिरों के दर्शन के लिए आ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed