वह विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने से मात्र 0.1 अंक से चूकी। वहीं दिल्ली के कुशाग्र रावत ने 1500 मीटर में अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ते हुए 15:37:39 मिनट की टाइमिंग के साथ नया रिकॉर्ड बनाया।
आपको बता दें क‍ि उत्तराखंड को भी खेलों में पहली बार स्वर्णिम सफलता मिली है। उत्तराखंड के अचोम तपस ने वुशु में उत्तराखंड को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। सात स्वर्ण पदकों के साथ कर्नाटक पहले स्थान पर बना हुआ है।
गौरतलब हो क‍ि गुरुवार को राष्ट्रीय खेलों के मुकाबलों में कर्नाटक ने दो स्वर्ण पदक जीते। उसने ये पदक तैराकी व साइक‍िल‍िंग में प्राप्त किए। वहीं, भारोत्तोलन में छत्तीसगढ़ का दबदबा रहा। उसने भारोत्तोलन में दो सवर्ण पदक जीते। महाराष्ट्र ने तैराकी व साइक‍िल‍िंग में स्वर्ण पदक पर कब्जा क‍िया।
केरल ने तैराकी और भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीते। सर्विसेज ने भारोत्तोलन व वुशु में स्वर्ण पदक अपने नाम किए। तैराकी में तमिलनाडु और उड़ीसा ने स्वर्ण पर कब्जा जमाया। वहीं, मणिपुर व सर्विसेज ने वुशु का एक-एक स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
उत्तराखंड ने वुशु में एक स्वर्ण व एक कांस्य पदक हासिल कर राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने का सिलसिला जारी रखा। भारोत्तोलन में छत्तीसगढ़ के विजय कुमार ने क्लीन एंड जर्क स्पर्धा में 248 किग्रा भार उठाकर राष्ट्रीय रिकार्ड की बराबरी की।
देहरादून। राष्ट्रीय खेलों के तहत बिहार की रग्बी टीम के 20 वर्षीय खिलाड़ी विद्यानंद चोटिल हो गए। उन्हें उपचार के लिए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय लाया गया। विद्या के माथे पर चोट थी। जिस पर इमरजेंसी में ड्रेसिंग व अन्य जरूरी उपचार दिया गया। उनका सीटी स्कैन व अल्ट्रासाउंड भी कराया गया है। जिसकी रिपोर्ट सामान्य है।
इस दौरान अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही के कारण चोटिल खिलाड़ी को दिक्कत भी उठानी पड़ी। दरअसल, खिलाड़ी ने पेट में दर्द की शिकायत बताई थी। जिस पर उसे वार्ड ब्वॉय के साथ अल्ट्रासाउंड को भेजा गया। जिसने यह कह दिया कि ओपीडी में अल्ट्रासाउंड अब नहीं होगा। वहां नंबर लगाना पड़ता है।
आइपीडी में अल्ट्रासाउंड भर्ती मरीज का ही होता है। जिस पर खिलाड़ी के साथ आए एक अन्य युवक ने उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनएस बिष्ट से शिकायत की। डॉ. बिष्ट ने बताया कि स्टाफ से कहा गया है कि राष्ट्रीय खेल से जुड़े मामलों में संवेदनशील रहें। खिलाड़ी की सभी जांच निश्शुल्क की गई व चिकित्सकों ने उसे तुरंत उपचार दिया।