संघ और भाजपा नेताओं को गोलवलकर की आनुवंशिक पीढ़ी बताते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भीमराव आंबेडकर के प्रति केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कथित अपमानजनक बयान की कटु निंदा की है। बाबा साहब को महामानव बताते हुए लालू यादव ने बुधवार को कहा कि उनके असल अनुयायी तो संघ व भाजपा के नेताओं की ओर देखते भी नहीं।
लालू प्रसाद ने कहा कि ऐसे महामानव को अपमानित करने के बाद भी अगर कोई प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा के साथ है तो इसका मतलब है कि वह गोलवलकर, संघ और भाजपा का पूजक व कट्टर तलवा-चाट है।
लालू ने कहा कि बंच आफ थाट्स के अनुचर कभी भी बाबा साहब के विचारों को नहीं अपना सकते। इसलिए अब वे बाबा साहब को गाली से संबोधित कर रहे। संघ और भाजपा के नेताओं की बोली-बात व भाव-भंगिमा से भी आंबेडकर के प्रति घृणा झलक रही है
सामाजिक गैर-बराबरी, असमानता, विषमता, छूआछूत, भेदभाव, घृणा को प्रश्रय देने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा के नेताओं की संविधान, अनुसूचित जाति-जनजाति, शोषित-वंचित और उपेक्षित समाज से वैमनस्यता जगजाहिर है।
बाबा साहब को देव-तुल्य बताते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि शाह की ऐसी संकीर्ण सोच की हम निंदा करते हैं और क्षमायाचना की मांग करते हैं।

  • तेजस्वी ने कहा कि बाबा साहब के चाहने वालों को स्वर्ग नहीं, स्वर चाहिए।
  • संविधान के शिल्पकार के प्रति ऐसी घृणित सोच भाजपा और संघ की पाठशाला से ही पनपती है।
  • सौ करोड़ से अधिक वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, शोषित, उपहासित, अनुसूचित जाति, पिछड़े, गरीब, अल्पसंख्यक एवं समता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, बंधुता और संविधान में विश्वास रखने वाले न्यायप्रिय लोगों के लिए बाबा साहब भगवान से कम भी नहीं हैं।
  • करोड़ों लोगों को नारकीय जीवन से छुटकारा दिलाकर उन्होंने उन्हें जीते-जी ही मोक्ष प्रदान कर दिया।
केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में संविधान पर चर्चा करते हुए लंबा भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ गृह मंत्री के इस बयान के बाद से सियासी घमासान छिड़ गया है।
केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान के बाद से विपक्ष उन बाबा साहब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगा रहा है। वहीं तेजस्वी यादव ने अमित शाह से माफी मांगने की मांग की है।