श्री गुरु नानक देव महाराज जी का 555 वां आगमन प्रकाश पुरब गुरुद्वारा श्री गुरू हरि राय साहिब जी सातवीं पातशाही, टी. एच. डी. सी. कालोनी, देहरा खास की संगत द्वारा बड़े धूमधाम व श्रधा से मनाया गया - Punjab Times

श्री गुरु नानक देव महाराज जी का 555 वां आगमन प्रकाश पुरब गुरुद्वारा श्री गुरू हरि राय साहिब जी सातवीं पातशाही, टी. एच. डी. सी. कालोनी, देहरा खास की संगत द्वारा बड़े धूमधाम व श्रधा से मनाया गया

देहरादून दोहरा खास…..

 

*श्री गुरु नानक देव महाराज जी का 555 वां आगमन प्रकाश पुरब गुरुद्वारा श्री गुरू हरि राय साहिब जी सातवीं पातशाही, टी. एच. डी. सी. कालोनी, देहरा खास की संगत द्वारा बड़े धूमधाम व श्रधा से मनाया गया जिसमें सभी धर्मो के लोगों ने हाजरी भरी*। इस अवसर पर *04.11.2024 से 15.11.2024 तक प्रभात फेरीयां निकाली गई।* आज भी एक बड़ी प्रभात फेरी पूरे देहरा खास में निकाली गई, *देहरा खास की संगतो द्वारा कई जगह प्रसाद के स्टाल लगाकर प्रभात फेरी का स्वागत किया गया ।*

इस पावन प्रकाश पुरब के अवसर पर *गुरुद्वारा मे सुबह 4 बजे से 10 बजे तक गुरु बाणी के पाठ व कीर्तन हुआ।*

*गुरु घर के रागी भाई हरप्रीत सिंह व भाई जोगिंदर सिंह जी द्वारा शबद “*निहचल नीओ धराईउनु साधसगंति सचखंड समेओ”* व *हउ हरि बिनु अवरु न जाना*” गायन कर संगतो को निहाल किया।

इस मौके पर *प्रधान एच0 एस0 कालड़ा* द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के जीवन इतिहास पर प्रकाश डाला और बताया *कि गुरु नानक देव जी ने हमें सत्य, करुणा और सेवा का मार्ग दिखाया। उनके प्रमुख सिद्धांत थे:*

 

*️⃣ *किरत करो: मेहनत और ईमानदारी से अपनी आजीविका कमाना*

*️⃣ *नाम जपो: ईश्वर का स्मरण और ध्यान करना*

*️⃣ *वंड छको: अपने धन और संसाधनों को दूसरों के साथ बाँटना*

 

*गुरु नानक जी का जीवन हमें सिखाता है कि समाज सेवा ही सच्ची भक्ति है। दूसरों की मदद करना, समानता का आदर करना और बिना किसी भेदभाव के सबकी सेवा करना ही मानवता का मूल उद्देश्य है*

*समाप्ति के उपरांत गुरु का अतुट लंगर वरताया गया।*

इस मौके पर गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के सदस्य परवीन मल्होत्रा, कुलदीप सिंह, विजय खुराना, नरेश सिह खालसा, अजीत सिंह, हरजीत सिंह ,मेजर सिंह, विनय किंगर, रवीन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे व पूरा पूरा सहयोग दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed