नदी संरक्षण के लिए सरकार प्रयासरत, इनके संरक्षण में प्रत्येक व्यक्ति की भागेदारी जरूरी – सुखराम चौधरी
हिमाचल
पांवटा साहिब – बहुउदद्देशीय परियोजनाएं एवं उर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि नदियाँ जीवनदायिनी हैं। नदियों के किनारे मानव सभ्यता का जन्म हुआ है जो नदियों के आसपास फली-फूली और विकसित हुई है इसलिए नदियों का संरक्षण अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नदियों पर लगाए गए बड़े-बड़े बांध व विद्युत आदि परियोजनाएं आज हमारे देश की आर्थिकी की रीढ़ साबित हो रहे हैं। जनसंख्या दबाव और निर्माण कार्यों में विस्तार के कारण जिन नदियों को हमने मां का दर्जा दिया है, वह सारी नदियां आज प्रदूषित हो रही हैं, जिस पर हमें गंभीरता से विचार करना होगा और मनन करना होगा।
सुख राम चौधरी ने यह उदगार आज पांवटा साहिब में हरि यमुना सहयोग समिति पांवटा द्वारा विश्व नदी दिवस के अवसर पर आयोजित ‘‘कालिंदी उत्सव दिवस-2022’’ कार्यक्रम में शिरकत करते हुए व्यक्त किये।
सुखराम चौधरी ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि इन नदियों को साफ-स्वच्छ और संरक्षित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि हम अपनी पीढ़ी को अच्छा भविष्य देना चाहते हैं तो इन नदियों का संरक्षण अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब क्षेत्र के लोग बहुत ही भग्यशाली हैं कि हमारे चारों ओर यमुना, गिरी और बाता जैसी सुंदर नदियां बह रही हैं। यदि हम इनका संरक्षण और इनको प्रदूषण मुक्त नहीं रखेंगे तो भविष्य में हमारे लिए पेयजल के संकट के साथ बाढ़ आदि का खतरा भी बढ़ सकता है।
सुख राम चौधरी ने कहा कि आज नदी दिवस के अवसर पर हम हमारे क्षेत्र की पवित्र यमुना नदी के संरक्षण और प्रदूषण रहित होने की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि मानवीय कल्याण के लिए नदियों, नालों और खडडों का स्वच्छ होना अनिवार्य है क्योंकि हमें इनसे ही पेयजल, सिंचाई आदि की सुविधाएं मिलती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान की भाग-दौड़ में हमें नदियों के संरक्षण और इनको प्रदूषण रहित बनाने की मुहिम से पीछे नहीं हटना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब क्षेत्र को पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से संरक्षित रखने और क्षेत्र का सौंदर्यकरण करने के लिए एक करोड़ रुपये की लागत से इको-पार्क का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार डंपिंग स्थल को ठीक कर, यमुना के किनारे 2 लाख रुपये की लागत से सुन्दर यमुना विहार पार्क का निर्माण किया गया है।
इससे पूर्व सुखराम चौधरी ने वार्ड नंबर 7 में यमुना तट पर 30 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पार्क का शिलान्यास भी किया।
हरि यमुना सहयोग समिति के सदस्य विकास वालिया ने जानकारी दी कि समिति द्वारा कालिंदी उत्सव 2022 का आयोजन किया गया है जिसका उद्देश्य पवित्र यमुना जी को अविरल व स्वछ बनाने के साथ साथ यमुना जी को पुनर्जीवित करने और समूची यमुना के तट के साथ साथ परिक्रमा पथ का संरचित करना है, ताकि मानव मात्र को प्राकृतिक संरचना के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस आयोजन में मुख्य रूप से हरि यमुना सहयोग समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायलय सिक्किम जस्टिस प्रमोद कोहली, समिति के मुख्य संरक्षक गीता मनीषी, स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज व उपाध्यक्ष हिमाचल रत्न महिंदर शर्मा रहे।
इसके अलावा जस्टिस आदर्श कुमार गोयल अध्यक्ष नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली, प्रेमचंद गोयल प्रमुख समाज सेवी चंडीगढ़, राज्य मंत्री जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ,जस्टिस प्रीतम पाल रिटायर्ड पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़, बलबीर सिंह सीचेवाल सांसद राज्यसभा, एस पी सिंह ओबराय मैनेजिंग ट्रस्टी सरबत दा भला ट्रस्ट पटियाला, महाराज राम दास जय सियाराम आश्रम फलोदी राजस्थान सम्मनित अतिथि के रूप में कार्यक्रम में विराजमान रहे।
इस अवसर पर उप मंडल अधिकरी विवेक महाजन, डी.एस.पी. वीर बहादुर, तहसीलदार वेद प्रकाश अग्निहोत्री, डी.एफ.ओ. वन विभाग कुनाल अंग्रिश, नगर पालिका परिषद की अध्यक्षा निर्मल कौर, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश कटारिया, सदस्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राहुल चौधरी, ओएसडी शेखरानंद ऑप्रिती,कार्यकारी अधिकारी नगर पालिका परिषद अजमेर सिंह सहित स्थानीय गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे ।