यूपी में कोरोना महामारी अधिनियम अब 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगा - Punjab Times

यूपी में कोरोना महामारी अधिनियम अब 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगा

उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी अधिनियम अब 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेगा। उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 2020 की अवधि अभी 31 दिसंबर, 2021 को खत्म हो रही थी लेकिन कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए अवधि को तीन महीने बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसके तहत लोगों को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी होगा।

अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से यह भी घोषित किया गया है कि पूरा प्रदेश कोविड-19 से प्रभावित है। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में लोगों को कोविड प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

यूपी में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 30 दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी जिलों में तैयारियों की जानकारी लेंगे। फिर इन तैयारियों को तीन व चार जनवरी 2022 को फिर से माकड्रिल की जाएगी। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से मुकाबले के लिए इंतजाम कितने पुख्ता हैं, इसकी थाह लेकर कमियों को दूर किया जाएगा। पहले 16 व 17 दिसंबर को माकड्रिल की जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश में मेडिकल कालेजों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक कोरोना से निपटने के लिए इंतजाम किए गए हैं। मेडिकल कालेजों में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) व नियोनेटल आइसीयू (नीकू) के 100 बेड तैयार किए गए हैं। 100 से कम बेड वाले जिला अस्पतालों में 20 सामान्य बेड, आठ एचडीयू व चार आइसीयू बेड बढ़ाए गए हैं। 100 से अधिक बेड वाले जिला अस्पतालों में 30 सामान्य बेड, आठ एचडीयू व चार आइसीयू बेड बढ़ाए गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चार-चार बेड बढ़ाए गए हैं। प्रदेश में कुल 1.50 लाख बेड की व्यवस्था की गई है। अभी तक 551 आक्सीजन प्लांट अस्पतालों में शुरू किए जा चुके हैं। करीब 30 हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर अस्पतालों को उपलब्ध कराए गए हैं।

हर जिले में अब कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए लैब स्थापित की जा चुकी है। कोरोना से बचाव के लिए टेस्ट की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। 80 हजार निगरानी समितियों की मदद से बाहर से आ रहे लोगों पर नजर रखी जा रही है। सरकारी व निजी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में करीब 67 हजार कोविड हेल्प डेस्क तैयार कर लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed