3 फरवरी को पांवटा के सालवाला में राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होगा ‘‘सरकार गांव के द्वार‘‘ कार्यक्रम
हिमाचल
सफल आयोजन के मद्देनजर गुंजित चीमा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित
नाहन
‘‘सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम’’ के तहत 3 फरवरी को प्रातः 11:00 बजे पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र के डोबरी सालवाला में राजस्व, बागवानी एवं जनजाति विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
एसडीएम पाँवटा साहिब गुंजित सिंह चीमा ने ‘‘सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम’’ के सफल आयोजन के लिए आज एसडीएम कार्यालय पांवटा साहिब में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विभिन्न कार्यों और प्रबंधों पर विस्तृत चर्चा की गई।
गुंजित सिंह चीमा ने बताया कि डोबरी सालवाला में राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले ‘‘सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम’’ के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किये गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित गाईडलाइन के अनुसार कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आयोजित करने के लिए सभी विभागों के अधिकारियों से चर्चा की गई।
एसडीएम पाँवटा साहिब ने सभी विभाग के अधिकारियों को अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित कार्यों के निष्पादन हेतु निर्देश दिए ताकि इस महत्वपूर्व कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि सरकार के इस जन हितेषी कार्यक्रम के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा अधिकारियों की उपस्थिति में जनसमस्यायें सुनी जाएगी जिनका मौके पर ही निपटारा किया जायेगा। प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों से भी वह इस अवसर पर संवाद करेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की विभिन्न जन हितैषी योजनाओं सम्बन्धी प्रदर्शनी भी कार्यक्रम में लगाई जायेगी। विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र भी इस दौरान जारी किये जायेंगे जिसमें हिमाचली बोनाफाईड, आय प्रमाण पत्र आदि शामिल रहेंगे । इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जायेगा।
जिसके माध्यम से लोगों के स्वास्थ्य की जांच तथा निःशुल्क दवाइयां भी वितरित की जाएंगी।
इस दौरान डीएसपी अदिति सिंह, अधिशाषी अभियंता जल शक्ति विभाग श्याम सिंह पुंडीर, बीएमओ के एल भगत, एसएमएस एग्रीकल्चर शमसी गुप्ता, सीडीपीओ लता सिंगटा, पीडब्लूडी, विद्युत विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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