हुनर विकास मिशन द्वारा नौजवानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ’मिशन सुनहरी’ की शुरुआत - Punjab Times

हुनर विकास मिशन द्वारा नौजवानों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ’मिशन सुनहरी’ की शुरुआत

पंजाब

पहलकदमी का उद्देश्य नौजवानों को हुनरमंद बनाना

चंडीगढ़……….पंजाब में रोजग़ार के अधिक से अधिक मौके पैदा करने और नौजवानों को इन मौकों का लाभ लेने के लिए हुनरमंद बनाने के लिए, रोजग़ार सृजन, हुनर विकास और प्रशिक्षण विभाग ( डी.ई.जी.एस.डी.टी.) के अधीन पंजाब हुनर विकास मिशन (पी.एस.डी.एम.) ने पंजाब के 22 जिलों में नौजवानों को सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ’मिशन सुनहरी’ की शुरुआत की।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये रोजग़ार सृजन और प्रशिक्षण विभाग के सचिव कुमार राहुल ने कहा कि इस पहलकदमी का उद्देश्य पहले पड़ाव में कम से कम 1500 उम्मीदवारों को सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण मुहैया करवाना है, जिनकी पंजाब के सभी जिलों में से डीईजीएसडीटी के प्लेसमेंट सैल द्वारा तुरंत प्लेसमेंट के लिए पहचान की गई है। उन्होंने बताया कि इन उम्मीदवारों को तजुर्बेकार प्रशिक्षण पेशेवरों की तरफ से संचार हुनर, लिसनिंग स्किल्लस और सॉफ्ट स्किल्लस, शख्सियत विकास, टीम वर्क, टैलीफोनिक हुनर, कस्टमर-क्लायंट रिलेशनशिप, कालस इम्बाउंड और आऊटबाऊंड, सेल्ज़ स्किल, कंप्यूटर फंडामैंटलस एंड टाइम मैनेजमेंट सम्बन्धी हुनर प्रशिक्षण प्रोग्राम प्रदान किया जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि इस प्रशिक्षण प्रोग्राम की मियाद 10 दिन है।

इसी दौरान डायरैक्टर जनरल डी. ई. जी. एस. डी. टी. श्रीमती दीप्ति उप्पल ने कहा कि यह प्रशिक्षण सम्बन्धित जिलों के जि़ला रोजग़ार और कारोबार ब्यूरो में दी जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि कम से कम 12वीं कक्षा और 18-35 साल की उम्र वाले उम्मीदवार इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में दाखि़ला ले सकते हैं। श्रीमती उप्पल ने आगे बताया कि पीऐसडीऐम ने उन रोजग़ारप्रदाताओं/उद्योगो से जि़ला-बार खाली पदों के विवरण इकठ्ठा किये हैं, जिनको हुनरमंद नौजवानों की ज़रूरत है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रशिक्षण प्रोग्राम को संस्था और इसके कर्मचारियों की ज़रूरतों अनुसार अनुकूलित किया गया है। प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक मुकम्मल होने के उपरांत, उम्मीदवारों को डी. ई. जी. एस. डी. टी. द्वारा एकत्रित किये पदों के लिए नौकरी हासिल करने के लिए इंटरव्यू में शामिल होने का मौका दिया जायेगा।

इस दौरान श्रीमती उप्पल ने डी. बी. ई. इज़ को कोशिशें और तेज करने और तालमेल स्थापित करने के लिए दिशा-निर्देश दिए जिससे नौजवानों को रोजग़ार के बेहतर मौके प्रदान किये जा सकें।

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