श्रद्धा पूर्वक मनाया गया भगत श्री रविदास जी का 645वाँ जन्म दिवस - Punjab Times

श्रद्धा पूर्वक मनाया गया भगत श्री रविदास जी का 645वाँ जन्म दिवस

देहरादून..आज गुरुद्वारा श्री गुरु हरि राय साहिब जी (सातवीं पातशाही) देहरा खास, टी एच डी सी कालोनी देहरादून में संगत द्वारा भगत रविदास जी का 645 वाँ जन्म दिवस बड़ी श्रद्धा से मनाया गया* *इस अवसर पर विशेष दीवान सुबह 4:30 बजे से शुरु हुआ जिसमें सर्व प्रथम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश हुआ, नितनेम व श्री सुखमनी साहिब जी का पाठ हुआ* *उपरांत भाई गंगा सिंह जी व भाई रोहित सिंह जी ,हजूरी रागी जथ्था, गुरूद्वारा देहरा खास, देहरादून द्वारा शबद कीर्तन गायन कर संगतों को निहाल किया।
*इस मौके पर देहरा खास टी एच डी सी कालोनी की संगत द्वारा बड़ी संख्या मे गुरु घर हाजरी भरी व गुरु जी का आशीर्वाद प्राप्त किया*
*इस अवसर पर एच. एस. कालड़ा- द्वारा भगत रविदास जी के जीवन इतिहास के बारे मे विस्तार से संगत को जानकारी दी*। *भगत रविदास जी का जन्म चौदवी शताब्दी (1377 ए.डी) में एक दलित परिवार में वाराणसी के पास गोवर्धनपुर ( उत्तर प्रदेश ) में श्री सन्तोख दस जी व माता श्रीमती कलसा देवी जी के घर हुआ था। इनकी धर्म पत्नी श्रीमती लोना जी और इनके पुत्र विजय दस थे व दादा दादी श्री कालु राम जी व श्रीमती लखपति जी थी।*
*भगत रविदास जी ने एक लम्बी आयु काटने के बाद अपना शरीर 1540 ए .डी में त्याग दिया था*
*सिख धर्म के लिये भगत रविदास जी का अटुट योगदान रहा। पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी भगत रविदास जी के अनुयायी रहे। और उन्हें इसी कारण रविदास्सिया कहा जाता उनके द्वारा दी गई सीख को रविदास्सिया पंथ कहा जाता है। उनके पद, भक्ति संगीत और अन्य लिखे हुए 41 छन्द सिक्ख शास्त्रो मे लिखे गए हैं।*
*सीरी-1 गौरी-5 असा- 6 गुजारी-1 सौरथ-7 धनासरी-3 जैतसरी-1 सूही-3 बिलावल-2 गोंड-2 रामकली-1 मरु-2 कैदार-1 भैरु-1 बसंत-1 मल्हार-3*
*इनके पिता राजा नगर मल के राज्य में सरपंच थे और उनके खुद को जूता बनाने व ठीक करने का व्यापार था रविदास जी बहुत ही निडर थे उनकी भक्ति बचपन से ही भगवान के प्रति थी*
*इनके जीवन में उच्च जातियों के द्वारा बनाए गए नियमों से काफी परेशानियां हुई और उच्च जाति के लोगों , ब्राह्मणों द्वारा अपने शिक्षा दीक्षा काल में अनेक शिकायतें राजा को होती रहती थी।*
*भगत रविदास जी ने अपने शिष्यों को धन का लालच ना करने की शिक्षा दी*
*दीवान की समाप्ति के उपरान्त गुरु जी का प्रसाद वितरण किया गया।*
*कार्यक्रम में सरकार की गाइड लाइन्स का सख्ती से पालन किया गया*

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