श्रद्धा पूर्वक मनाया गया श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी का 365 वाँ प्रकाश पुरब

आज गुरुद्वारा श्री गुरु हरि राय साहिब जी (सातवीं पातशाही) देहरा खास, टी एच डी सी कालोनी देहरादून मे सरवंश दानी श्री गुरु गोविन्द सिंह साहिब जी का प्रकाश पुरब बड़े धूमधाम से मनाया गया इस अवसर पर संगतौ द्वारा 01.01.2022 से 09.01.2022 तक प्रभात फेरीया पूरे देहरा खांस टी एच डी सी कालोनी मे निकाली गई

*आज इस अवसर पर विशेष दीवान सजाया गया। सर्व प्रथम श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश हुआ, नितनेम हुआ व श्री सहज पाठ की समाप्ति हुई।*

*उपरांत प्रभलीन कौर , नवनीत कौर द्वारा , बहन सीमा कुकरेजा, बहन पुजा खुराना सदस्य श्री सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी (स्त्री सत्संग) द्वारा शबद ” मित्र पियारे नूं हाल मुरिदां दा कहणा ” व भाई गंगा सिंह जी द्वारा शबद ” तुम हो सभ राजन के राजा । आपे आप गरीब निवाजा” व भाई रफल सिंह जी व भाई रोहित सिंह जी ,(हजूरी रागी जथ्था, गुरूद्वारा देहरा खास देहरादून ) द्वारा शबद “मिल मेरे गोबिंद अपना नाम देहु नाम बिना धृगु धृगु अस्नेहु।।*

*कीर्तन गायन कर संगतों को निहाल किया ।*

*इस मौके पर काका हरमन सिंह , काका जगमीत सिंह , काका दलजीत सिंह को व माता रंजीत कौर और बहन रजविंदर कौर को गुरू घर की विशेष सेवाओ के लिये गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सम्मानीत किया।*

*दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद साहिब जी का 365वाँ प्रकाश पुरब देहरा खास, टी एच डी सी कालोनी की संगतौ द्वारा बड़ी संख्या मे गुरु घर हाजरी भरके बड़ी श्रद्धा से मनाया ।*

*आज सभी संगत की सुख शांति के लिये गुरु घर मे अरदास की गई*

*इस अवसर पर गुरुद्वारा के प्रधान एच. एस. कालड़ा- ने श्री गुरू गोबिंद सिंह साहिब जी के जीवन इतिहास के बारे में विस्तार से बताया*।

*गुरु साहिब का जन्म दिसंबर 1666 में पटना शहर में हुआ था और अन्त मे 1708 में लोप होने से पहले श्री ग्रंथ साहिब जी को गुरु का दर्जा देकर संगतो को कहा कि आज से आपका गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी होंगे , संगतो को मेरे दर्शन इसी मे होंगें।*

*गुरु साहिब के चार सहिबजादे (पुत्र) थे*

*इनके पिता श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी थे व माता जी का नाम गुजर कौर था। गुरु जी ने खालसा पंथ की सरजना की । गुरु साहिब को अरबी फारसी, संस्कृत, गुरमुखी भाषा आदि का अच्छा ज्ञान था। जो हमे गुरबाणी मे देखने को मिलता है। गुरु जी द्वारा गुरबाणी जाप साहिब, त्व प्रसाद सवैये , चौपाई साहिब , सुधा व दशम ग्रंथ गुरबाणी की रचना की।

*गुरु साहिब जी ने अपना जीवन का लगभग दसवाँ हिस्सा श्री पौन्टा साहिब मे बिताया और भन्गानी साहिब का युध लड़ा और उसको जीता*

*दीवान की समाप्ति के उपरान्त गुरु जी का अतुट लंगर, व मिष्ठान प्रसाद वितरण किया गया।*

*इस मौके पर कार्यकारणी के सभी सदस्य महासचिव- परवीन मल्होत्रा, परमजीत सिंह -उप प्रधान, अजीत सिंह कोषाध्यक्ष, नरेश सिंह खालसा , विजय खुराना, मेजर सिंह व कुलदीप सिंह आदि मौजुद थे l*

*कार्यक्रम में सरकार की गाइड लाइन्स का पूरी सख्ती से पालन किया गया*

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed