राज्यपाल का भाषण रोकने का यत्न करके कांग्रेस ने पवित्र सदन का अपमान किया : हरपाल सिंह चीमा - Punjab Times

राज्यपाल का भाषण रोकने का यत्न करके कांग्रेस ने पवित्र सदन का अपमान किया : हरपाल सिंह चीमा

पंजाब

 

राज्यपाल का भाषण रोकने का यत्न करके कांग्रेस ने पवित्र सदन का अपमान किया : हरपाल सिंह चीमा

 

कहा, कांग्रेस पार्टी पंजाब सरकार की उपलब्धियों से घबराई

 

पंजाब सरकार शुभकरन के परिवार के साथ, जांच के उपरांत दोषियों के विरुद्ध होगी सख़्त कार्यवाही

 

चंडीगढ़………..पंजाब विधान सभा में बजट सैशन की शुरुआत के दौरान पंजाब के राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित द्वारा भाषण देने के मौके पर कांग्रेसी पार्टी के रुकावट डालने के यत्नों की सख़्त आलोचना करते हुए वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ऐसा करके पवित्र सदन का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के राज्यपाल द्वारा अपने भाषण के दौरान राज्य सरकार की एक साल की उपलब्धियों का जिक्र किया जाता है और कांग्रेस पार्टी इस बात से घबरा गई कि इन उपलब्धियों की जानकारी सदन की कार्यवाही के सीधे प्रसारण के द्वारा कहीं लोगों तक न पहुँच जाए।

 

विधान सभा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के लोगों के हित में कांग्रेस पार्टी को चाहिए तो यह था कि यह राज्यपाल श्री बनवारी लाल पुरोहित के भाषण को ध्यान से सुनती और 4 मार्च को इस भाषण पर होने वाली बहस के दौरान सरकार से सवाल करती और अपने सुझाव भी पेश करती। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार हमेशा सार्थक सुझाव को अपनाती है।

 

कांग्रेस पार्टी को सिर्फ़ सस्ती शोहरत के लिए सदन का अपमान करने पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि लम्बे समय से चली आ रही रिवायतों और नियमों अनुसार बजट सैशन की कार्यवाही हमेशा राज्य के राज्यपाल के भाषण के साथ शुरू होती है। उन्होंने कहा कि इसके उपरांत दुनिया का अलविदा कर चुकी नामवर शख़्सियतों को श्रद्धाँजलि भेंट की जाती है। उन्होंने कहा कि इन श्रद्धाँजलियों के दौरान ही किसान संघर्ष के दौरान मारे गए किसान शुभकरन सिंह को भी श्रद्धाँजलि भेंट की जानी थी। उन्होंने कहा कि किसी समय यह कांग्रेस पार्टी इसी विधान सभा के अंदर रातों को जाग कर रोष प्रदर्शन करती होती थी कि सैशन लंबे समय तक चलना चाहिए, ने आज सिर्फ़ सस्ती शोहरत के लिए लोकतंत्र का अपमान किया।

 

तीन खेती कानूनों के विरुद्ध किसान संघर्ष का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कांग्रेस पार्टी को सवाल किया कि क्या उस समय कांग्रेस पार्टी की सरकार के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, जो अब भाजपा में चले गए है, ने कभी किसानों के हक में केंद्र को कोई पत्र लिखा था? उन्होंने कहा कि जब इन काले कानूनों के बारे में नीति बन रही थी तो उस समय पंजाब के वित्त मंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा नीति आयोग की मीटिंग में उपस्थित होकर भाजपा द्वारा बनाए गए तीन काले कानूनों की हामी भरी थी। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ़ आम आदमी पार्टी और इसकी दिल्ली सरकार संघर्ष के दौरान किसानों के साथ कंधे के साथ कंधा जोड़ कर खड़ी रही।

 

स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार पहले भी किसानों के साथ थी, अब भी है और भविष्य में भी रहेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही शुभकरन सिंह के परिवार की सहायता के लिए 1 करोड़ रुपए की सहायता और उसकी बहनों के भविष्य में भी हर संभव सहायता का ऐलान कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कानून अनुसार सख़्त कार्यवाही की जाएगी।

 

वित्त मंत्री ने फिर दोहराया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा पंजाब के राज्यपाल के भाषण में सिर्फ़ इसलिए रुकावट डाली गई क्योंकि इस दौरान उन्होंने पंजाब की नयी खेल नीति, खिलाड़ियों को नौकरियाँ, खेलों को उत्साहित करने के लिए किए गए प्रयास, जी.वी.के. जैसे निजी कंपनी के बिजली ताप घर की पंजाब सरकार द्वारा खरीद, शिक्षा क्रांति के अंतर्गत स्कूल आफ एमिनेंस का निर्माण, आम आदमी क्लीनिकों के द्वारा 1 करोड़ से अधिक लोगों का इलाज, घरों को 300 यूनिट मुफ़्त बिजली देने, 12000 अध्यापकों की सैलरी 25000 रुपए तय की गई जो पहले कम तनख़्वाहों पर कच्चे अध्यापकों के तौर पर काम कर रहे थे, विदेशों से युवाओं की वतन वापसी, 42000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियाँ, टेलों तक पानी पहुँचाने आदि का जिक्र करना था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास गिनाने के लिए अपने बीते पाँच सालों के कार्यकाल की एक भी उपलब्धि नहीं है इसलिए यह मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की सरकार की उपलब्धियों को बर्दाश्त नहीं कर सकी ।

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