राजीव गई उतरांचल पंजाबी महासभा और पंचनंद ट्रस्ट की बैठक का आयोजन किया गया
राजीव गई उतरांचल पंजाबी महासभा और पंचनंद ट्रस्ट की बैठक का आयोजन किया गया
हिंदुस्तान का बँटवारा विश्व की सबसे बढ़ी मानव आपदा थी। पाँच नदियों के क्षेत्र जिसे पंजाब कहते है का बँटवारा जिसमें 10 लाख से अधिक मासूम लोगों ने अपनी शहादत दी थी व लगभग करोड़ लोग अपनी उम्र भर की सम्पत्तियों को छोढ़ दो कपढ़ो में हिंदुस्तान के विभिन्न हिस्सों में जा कर अपने छोटे बच्चों व बूढ़े परिवार के लोगों के साथ सिर ढकने व गुज़ारा करने दर दर भटके। इस राजनीतिक प्रलय में पंजाब के सभी जातियों के हिंदुओं की बस यह गलती थी वो हिन्दू रहना चाहते थे नही तो सिर्फ़ कलमा ही पढ़ कर अपनी अपने परिवार वालो की जान व सम्पत्तियाँ बचा सकते थे।
इन 75 वर्षों में इस त्रासदी को किसी सरकार द्वारा अपने राजनीतिक लाभ के लिये कोई मान्यता नही दी। सिर्फ़ उन पवित्र हुतात्माओ के वारिसो ने अपनी संस्था उत्तरांचल पंजाबी महासभा एवं पंचनद स्मारक ट्रस्ट के माध्यम से हिंदू रीति रिवाजों अनुसार अपने बुजुर्गो की जिनके शरीरों को अंतिम क्रिया भी नसीब नही हो सकी थी प्रति वर्ष श्राद पक्ष में उनकी आत्म शांति के लिये कभी हरिद्वार, ऋषिकेश व बद्रीनाथ तर्पण, श्राध अंतिम अरदास की जिसमें देश भर से हुतात्माओ के वारिस हज़ारों की संख्या में भाग लेने आते रहे। 2017में तीर्थ गया जी एक स्पेशल ट्रैन से अंतिम तर्पण व अरदास करने गये व समस्त रीति रिवाजों से वहाँ श्रधा पूर्वक अपने ज्ञात व अज्ञात बुजुर्गो की अंतिम श्राध किया।
पंचनद स्मारक ट्रस्ट ( रजि०) ने बँटवारें में शाहिद हुए अपने बुजुर्गो का इतिहास पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित रखने के लिये कुरुक्षेत्र में पंजाबी धाम निर्माण करने का बिढ़ा उठाया व 25 एकढ़ भूमि में एक स्मारक निर्माण शुरू किया जिसमें अपनी खो रही पहचान रीति रिवाज, वेशभूषा, खानपान व बँटवारें में पाकिस्तान रह गये धार्मिक सांस्कृतिक धरोहरों को बना कर अपने आने वाले कल के लिये सुरक्षित रखने हेतू निर्माण शुरू किया। उपमा व पंचनद गत वर्षों से सभी सरकारों से बँटवारें की इस त्रासदी में शाहिद हुए बुजुर्गो को मान्यता देने व इतिहास के पन्नो में जगह देने की माँग करता रहा है। 14 अगस्त को हर वर्ष शहीदी दिवस के रूप में मनाते हुए उनके वारिस अपने बुजुर्गो की कुरबानियों को सम्मान उत्तराखंड के हर शहर में देता आ रहा है।
हमें आज अवगत करते बहुत हर्ष हो रहा हमारे गत कई वर्षों के प्रयासों से आज़ादी के 75 वर्षों बाद “आज़ादी का अमृत महोत्सव” पर हमारी माँग को प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा गम्भीरता से लिया व हमारे बुजुर्गो को सम्मान देने के लिये 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के रूप में मनाने की राष्ट्रीय मान्यता दी है जो की पंजाबी समाज के लिये बहुत गौरव की बात है। जिसके लिये 1947 भारत विभाजन के समय राष्ट्र-धर्म की बलिवेदी पर कुर्बान होने वाले उन हुतात्माओं के वारिसों की ओर से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी का हार्दिक आभार प्रेषित करती है।
हमारे लिये इतना ही नही मान्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 14 अगस्त 2022 को कुरुक्षेत्र में निर्मणधिन पंजाबी धाम में स्वयं उपस्थित रह कर स्मारक पर बुजुर्गो को सम्मान देने हेतू आने का आश्वासन हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के माध्यम से गत दिवस पंचनद स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज के जन्मदिवस पर दिया है। आज की बैठक में स्वामी धर्मदेव ने गत 20 वर्षों से उत्तरांचल पंजाबी महासभा एवं पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रयासों का गर्व के साथ विवरण दिया। उन्होंने राजीव घई अध्यक्ष उपमा व पूर्व पंचनद ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री के रूप में व वर्तमान में उपाध्यक्ष के रूप लगातार किये गये प्रयासों की सराहना की व रूद्रपुर के बुजुर्गो जिन्होंने बँटवारे का समय अपनी आँखों से वो काला समय देखा है उनको स्वामी धर्मदेव जी महाराज सम्मान देते हुए यह घोषणा कर अपने बुजुर्गो की कुर्बनियो को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी जी को शत शत नमन व आभार देते है। व सभी वारिसों से अपील करते है की पंचनद स्मारक ट्रस्ट व उत्तरांचल पंजाबी महासभा के साथ जूढ़ कर आगामी 14 अगस्त जो की समाज की कुर्बनियो को मान्यता देते हुए “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” ज़ोरों शोरों से विश्वभर में बसे वारिसों के द्वारा मनाया जायेगा को यादगार बनाने के लिये सभी वारिसों का सहयोग अति आवश्यक है।
आज की बैठक में
इस बैठक में महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव जी महाराज राष्ट्रीय अध्यक्ष पंचनद स्मारक ट्रस्ट एवं मुख्य संरक्षक उपमा , राजीव घई प्रदेश अध्यक्ष उपमा एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंचनद, भारत भूषण प्रदेश युवा अध्यक्ष उपमा, राज कुमार फुटेला प्रदेश उपाध्यक्ष, राजीव परनामी प्रदेश उपाध्यक्ष, जी॰एस॰ आनंद प्रदेश संगठन मंत्री व गढ़वाल प्रभारी,अशोक कुमार छाबढ़ा कुमाऊँ प्रभारी..