भू-जल स्तर को बढ़ाने के सिरमौर जिला में 315.47 करोड़ रुपये की 6 योजनाओं की बनी शैल्फ-सुमित खिमटा - Punjab Times

भू-जल स्तर को बढ़ाने के सिरमौर जिला में 315.47 करोड़ रुपये की 6 योजनाओं की बनी शैल्फ-सुमित खिमटा

भू-जल स्तर को बढ़ाने के सिरमौर जिला में 315.47 करोड़ रुपये की 6 योजनाओं की बनी शैल्फ-सुमित खिमटा

जल जीवन मिशन के तहत जिला में 1.19 लाख पेयजल कुनेक्शन लगाए गए

 

नाहन

उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने कहा कि जल शक्ति विभाग द्वारा सिरमौर जिला में जल जीवन मिशन के तहत बेहतरीन कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में जल जीवन मिशन के तहत अभी तक 1.19 लाख घरों को व्यक्तिगत पेयजल कुनैक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के बावजूद हमें  ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध परम्परागत जल स्रोतों के संरक्षण, इनकी साफ सफाई और इनके देखभाल की जरूरत है क्योंकि ये पेयजल स्रोत हमारे ग्रामीण परिवेश का प्रमुख और अभिन्न हिस्सा हैं।

उपायुक्त मंगलवार को नाहन में जल शक्ति विभाग द्वारा आयोजित जिला वाटर एण्ड सैनिटेशन मिशन की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

सुमित खिमटा ने बताया कि भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए जल शक्ति विभाग ने जिला में 315.47 करोड़ रुपये की 6 योजनाओं की शैल्फ तैयार की है जिसे स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से जहां भू जल स्तर में सुधार होगा वहीं वर्षा जल संग्रहण से विभिन्न पेयजल स्रोतों में पानी का स्तर उपर उठेगा।

उन्हांेने दिन प्रतिदिन घटते भू-जल स्तर पर चिंता जताते हुए कहा कि इसके लिए जहां वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता है वहीं पर जल के सही इस्तेमाल की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल प्रकृति की अमूल्य देन है और इसका सही और उचित मात्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए ग्रामीण स्तर पर और अधिक सघनता से कार्य करने की जरूरत है।

उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को पेयजल की कमी वाले क्षेत्रों में लगातार नजर बनाये रखने के लिए कहा ताकि किसी भी क्षेत्र में पेयजल की समस्या न हो। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को स्वच्छ पेयजल मिलना चाहिए, इसके लिये जल शक्ति विभाग को निरंतर प्रयासत रहना चाहिए।

उपायुक्त ने बताया कि जिला मंे प्रथम अप्रैल से 2022 से 31 मार्च 2023 तक जिला में उपलब्ध विभाग की पांच पेयजल टेस्टिंग लैब में कुल 21366 वाटर टेस्ट किये गए हैं। उन्होंने पेयजल की गुणवत्ता को परखने के लिए विभिन्न पेयजल योजनाओं के वाटर टेस्टिंग के कार्य को लगातार जारी रखने, इनकी संख्या को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी जल की गुणवत्ता में कमी पाई जाये वहां पर तुरंत कार्रवाई की जाये ताकि आम जन को स्वच्छ जल की ही आपूर्ति हो सके। उन्होंने कहा कि फास्ट टेस्टिंग किट के माध्यम से स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर भी पेयजल की जांच की जा रही है जिसमें अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक 4783 टेस्टिंग की गई है।

अधिशासी अभियंता जल शक्ति आशीष राणा ने इस अवसर पर जिला वाटर एण्ड सैनिटेशन मिशन के सम्बन्ध में विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की विस्तार से जानकारी प्रदान की।

अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर मनेश यादव, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्तल, वन, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, उद्यान, कृषि व अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

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