परिवहन मंत्री द्वारा सडक़ हादसों में मृत्यु दर 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य
पंजाब
परिवहन मंत्री द्वारा सडक़ हादसों में मृत्यु दर 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य
पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद की अहम बैठक के दौरान समूह विभागों को सडक़ सुरक्षा मापदण्ड यकीनी बनाने की हिदायत
सडक़ हादसों के घायलों की मदद करने वालों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश
चंडीगढ़……… पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने सडक़ हादसों में हो रही मौतों की दर 50 प्रतिशत कम करने के लिए संबंंधित विभागों को लक्ष्य दिया है।
पंजाब राज्य सडक़ सुरक्षा परिषद् की अहम बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कुछ समय पहले एक बैठक में सड़क सुरक्षा मापदण्डों संबंधी सुझाव देते हुए मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान ने विभाग को सडक़ हादसों में हो रही मौतों को कम करने पर ज़ोर दिया था। उन्होंने कहा कि राज्य में सडक़ हादसों में रोज़ाना 14 मौतें हो रही हैं, जिन पर मुख्यमंत्री ने चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा था कि इनको पहल के आधार पर कम करने के कार्य किए जाएँ।
परिवहन मंत्री ने कहा कि तेज़ और आधुनिक इमरजेंसी देखभाल सुविधाओं के द्वारा 10 में से 3 जानों को सीधे तौर पर बचाया जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इमरजैंसी और ट्रॉमा देखभाल सुविधाओं को और अधिक दुरूस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में लेवल-2 के पाँच ट्रॉमा केयर सैंटर खन्ना, जालंधर, पठानकोट, फिऱोज़पुर और फाजिल्का में बने हुए हैं, जहाँ स्टाफ की कमी पूरी होने से सडक़ हादसों में मृत्यु दर कम करने की दिशा में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा यह फ़ैसला भी लिया गया कि राज्य में चल रहीं सभी ऐंबूलैंस जैसे एन.एच.ए.आई (1033), परिवहन विभाग (112), स्वास्थ्य विभाग (108) आदि को एक ऐप के द्वारा एक प्लेटफॉर्म पर लाकर पब्लिक फ्रेंडली बनाया जाएगा।
इसी तरह मंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.), लोक निर्माण विभाग, पंजाब मंडी बोर्ड और स्थानीय सरकार विभागों को अपने अधीन आने वाले अधिक हादसों वाले स्थानों (ब्लैक स्पॉट्स) को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त करने के भी आदेश दिए। यह भी फ़ैसला लिया गया कि सम्बन्धित विभागों के सिविल इंजीनियरों को 15 दिनों का विशेष प्रशिक्षण कोर्स करवाया जाएगा।
बैठक के दौरान यह फ़ैसला भी लिया गया कि सडक़ों से सम्बन्धित सभी एजेंसियाँ जैसे कि एन.एच.ए.आई., लोक निर्माण विभाग, पंजाब मंडी बोर्ड और स्थानीय सरकार विभाग द्वारा, ख़ासकर सडक़ के दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों और हाईवेज के एंट्री एवं एग्जिट स्थानों पर अगले 2 महीनों के दौरान बोर्ड लगाए जाएंगे। दो महीनों के उपरांत इस सम्बन्धी की गई कार्यवाही की परिवहन मंत्री स्वयं समीक्षा करेंगे।
कैबिनेट मंत्री ने ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक़) श्री अमरजीत सिंह राय को राज्य में ट्रैफिक़ नियमों के लागूकरण को सुनिश्चित बनाने की हिदायत करते हुए भूसा ढोहने वाले वाहन चालकों को जागरूक करने और इस कारण होने वाले हादसों संबंधी जानकारी देने के लिए भी कहा। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को इस सम्बन्धी एस.डी.एम्ज़. को भी पत्र लिखने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इसी तरह सरिया लादकर ले जाने वाले वाहनों और भारी वाहनों के पीछे लोहे की रॉड लगाना सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ इस धुंध के सीजन में ट्रैक्टर- ट्रॉलियाँ, तीन पहिया और दो पहिया वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाने की विशेष मुहिम शुरु की जाए। इस विशेष मुहिम में राज्य के सभी एस.डी.एम. और ट्रैफिक़ पुलिस के अधिकारी भी शामिल होंगे।
परिवहन मंत्री ने सचिव परिवहन श्री विकास गर्ग को निर्देश दिया कि सडक़ हादसों के घायलों की मदद करने वालों को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों को पत्र लिखें।
मंत्री के स्थानीय सरकार विभाग के अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के मुताबिक शहरों में सडक़ों के साथ-साथ फुटपाथ और साइकिल ट्रैक बनाने की ओर विशेष रूप से ध्यान देने के लिए कहा।
डिजीलॉकर के दस्तावेज़ दिखाने पर नहीं कटेगा चालान: मंत्री
परिवहन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक़) को हिदायत की कि चालक द्वारा डिजीलॉकर में कोई भी दस्तावेज़ पेश करने पर उसे मान्यता दी जाए। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर स्मार्ट कार्ड में लगने वाली चिप की कमी के कारण विभाग द्वारा लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट आदि जारी करने में देरी हो रही है। इसलिए ट्रैफिक़ पुलिस डिजीलॉकर सेवाओं को मान्यता दे।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव परिवहन श्री विकास गर्ग, डायरैक्टर जनरल लीड एजेंसी श्री आर. वेंकट रत्नम, स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर श्री मौनिश कुमार, ए.डी.जी.पी. (ट्रैफिक़) श्री ए.एस. राय और एन.एच.ए.आई. सहित लोक निर्माण विभाग (बी.एंडआर.), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंजाब मंडी बोर्ड, स्कूल शिक्षा आदि सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।