आज ही छोड़ दें - भगवान की नाराजगी का कारण बनती है आपकी ये 7 आदतें - Punjab Times

आज ही छोड़ दें – भगवान की नाराजगी का कारण बनती है आपकी ये 7 आदतें

आपके दुखों का कारण बनती है ये 7 आदतें, आज ही छोड़ देने में है भलाई
ग्रंथों में 7 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिन्हें मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है। जिस मनुष्य के अंदर इन 7 में से एक भी बात होती है, उसे हमेशा ही दुःख और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जितनी जल्दी हो सके इन 7 बातों को छोड़ देना चाहिए।

1. मद (नशा)

सामाजिक जीवन में सभी के लिए कुछ सीमाएं होती हैं। हर व्यक्ति को उन सीमाओं का हमेशा पालन करना चाहिए, लेकिन नशा करने वाले मनुष्य के लिए कोई सीमा नहीं होती। नशा करने या शराब पीने के बाद उसे अच्छे-बुरे किसी का भी होश नहीं रहता है। ऐसा व्यक्ति अपने परिवार और दोस्तों को दुःख देने वाला होता है। नशे की हालत में व्यक्ति न की सिर्फ दूसरों का बल्कि अपना भी नुकसान कर लेता है। इसलिए, ही इसे मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है।

2. मोह

सभी को किसी ना किसी वस्तु या व्यक्ति से लगाव जरूर होता है। यह मनुष्य के स्वभाव में शामिल होता है, लेकिन किसी भी वस्तु या व्यक्ति से अत्यधिक मोह भी बर्बादी का कारण बन सकता है। किसी से भी बहुत ज्यादा लगाव होने पर भी व्यक्ति सही-गलत का फैसला नहीं कर पाता है और उसके हर काम में उसका साथ देने लगता है। जिसकी वजह से कई बार नुकसान का भी सामना करना पड़ जाता है। किसी से भी बहुत ज्यादा मोह रखना गलत होता है, इसे छोड़ देना चाहिए।

3. लोभ

लोभ यानी लालच । लालची इंसान अपने फायदे के लिए किसी के साथ भी धोखा कर सकते हैं। ऐसे लोग धर्म-अधर्म के बारे में नहीं सोचते। ये लोग अपने परिवार, रिश्तेदार, दोस्त या और किसी के साथ भी बुरा करने से नहीं हिचकते। इसलिए, हर किसी को लोभ-लालच जैसी भावों से दूर ही रहना चाहिए।

4. गुस्सा

क्रोध मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है। क्रोध में मनुष्य अच्छे-बुरे की पहचान नहीं कर पाता है। जिस व्यक्ति का स्वभाव गुस्से वाला होता है, वह बिना सोच-विचार किये किसी का भी बुरा कर सकता है। क्रोध की वजह से मनुष्य का स्वभाव दानव के समान हो जाता है। क्रोध में किए गए कामों की वजह से बाद में शर्मिदा होना पड़ता है और कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, इस आदत को छोड़ देना चाहिए।

5. काम

जब किसी व्यक्ति पर काम भावना हावी हो जाती है तो वह सही-गलत व अच्छा-बुरा सब भूल जाता है। कामी व्यक्ति अपनी इच्छा पूरी करने के लिए किसी के साथ भी बुरा व्यवहार कर सकता है। ऐसे व्यक्ति न की सिर्फ खुद बल्कि अपने साथ रहने वालों को भी अपमानित कर सकता है। इसलिए, काम भाव को हमेशा अपने काबू में रखना चाहिए, कभी भी उसे अपने आप पर हावी नहीं होने देना चाहिए।

6. अति-ममता यानी अत्यधिक प्रेम

जीवन में किसी भी बात की अति बुरी होती है। किसी से भी अत्यधिक या हद से ज्यादा प्रेम करना गलत ही होता है। बहुत ज्यादा प्रेम की वजह से हम सही-गलत को नहीं पहचान पाते है। कई बार बहुत अधिक प्रेम की वजह से मनुष्य अधर्म तक कर जाता है। कई बार किसी भी वस्तु या मनुष्य से बहुत ज्यादा प्रेम रखना, बर्बादी का कारण भी बन जाता है। इसलिए, किसी से भी हद से ज्यादा प्रेम नहीं करना चाहिए।

7. अहंकार

सामाजिक जीवन में सभी के लिए कुछ सीमाएं होती हैं। हर व्यक्ति को उन सीमाओं का हमेशा पालन करना चाहिए, लेकिन अहंकारी व्यक्ति की कोई सीमा नहीं होती। अंहकार में मनुष्य को अच्छे-बुरे किसी का भी होश नहीं रहता है। अहंकार के कारण इंसान कभी दूसरों की सलाह नहीं मानता और अपनी गलती स्वीकार नहीं करता । ऐसा व्यक्ति अपने परिवार और दोस्तों को कष्ट पहुंचाने वाला होता है।

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