स्थानीय पशु कल्याण गैर-सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों, और समुदाय के सदस्यों सहित 50 से अधिक प्रतिभागी इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। - Punjab Times

स्थानीय पशु कल्याण गैर-सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों, और समुदाय के सदस्यों सहित 50 से अधिक प्रतिभागी इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए।

अंतरराष्ट्रीय डॉग दिवस 2024: जनता और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा आयोजित एक वॉकथॉन के माध्यम से मानवों और कुत्तों के सह-अस्तित्व को बढ़ावा दिया गया।

स्थानीय पशु कल्याण गैर-सरकारी संगठनों, स्वयंसेवकों, और समुदाय के सदस्यों सहित 50 से अधिक प्रतिभागी इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए।

देहरादून

अंतरराष्ट्रीय डॉग दिवस से पहले, पशु संरक्षण संगठन, ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया ने मनुष्यों और सड़क के कुत्तों के बीच शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए एक वॉक-ए-थॉन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित समाज बनाना था। देहरादून के गांधी पार्क में सुबह 9 बजे शुरू हुए वॉक-ए-थॉन में स्थानीय पशु कल्याण गैर-सरकारी संगठनों के 50 से अधिक सदस्यों के साथ-साथ स्वयंसेवकों और समुदाय के सदस्यों ने भाग लिया। तीन घंटे के इस वॉक-ए-थॉन में गांधी पार्क-कनक चौक-परेड ग्राउंड – रोजगार तिराहा-तिब्बती बाजार-लैंसडाउन चौक के मार्ग से होते हुए छह किलोमीटर की दूरी तय की गई।

प्रतिभागियों ने ऐसी तख्तियाँ (प्लाकार्ड्स) लेकर मार्च किया और ऐसी स्टैंडी प्रदर्शित किए जिनके माध्यम से जनता को पशु कानूनों, पशुओं के जन्म नियंत्रण (एनिमल बर्थ कंट्रोल) के महत्व और रेबीज-रोधी टीकाकरण कार्यक्रमों के बारे में जागरूक किया गया।

डॉ. पियूष पटेल, पशु चिकित्सक और ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल/इंडिया में कंपैनियन एनिमल्स एंड एंगेजमेंट के निदेशक ने कहा: “आज का वॉक-ए-थॉन इस पहल के प्रति सामुदायिक समर्थन का शक्तिशाली प्रदर्शन है और जन जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देहरादून नगर निगम, स्वयंसेवकों और समुदाय के सदस्यों के नेतृत्व में सामूहिक कार्रवाई और जागरूकता बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों ने मनुष्यों और सड़क के कुत्तों दोनों के लिए सुरक्षित समाज बनाने की दिशा सार्थक बदलाव लाने में मदद की है। जन भागीदारी को बढाना ही मानव-श्वान संघर्ष के मुद्दे को हल करने की कुंजी है और हमें इस पहल की मेजबानी करके खुशी हो रही है।”

2016 से, एचएसआई/इंडिया और देहरादून नगर निगम ने मिलकर अनुमानित रूप से 46,000 सड़क के कुत्तों का बंध्याकरण, नसबंदी करने और रेबीज के टीके लगाने के कार्य किए हैं, इस प्रकार शहर में कुत्तों की 84% नसबंदी दर हासिल की गई है।

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