उत्तराखंड में 8वें पूर्व सैनिक दिवस का आयोजन 

‘ देहरादून

हर काम देश के नाम’

उत्तराखंड में 8वें पूर्व सैनिक दिवस का आयोजन

भारतीय सशस्त्र बलों के पहले कमांडर-इन-चीफ, फील्ड मार्शल के एम करियप्पा, ओबीई, जो 1953 में इसी दिन सेवानिवृत्त हुए थे, उनके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के सम्मान में हर साल 14 जनवरी को सशस्त्रबल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है।

 

14 जनवरी 2024 को पूरे उत्तराखंड राज्य में 8वें सशस्त्रबल पूर्व सैनिक दिवस मनाने के लिए “पुष्पांजलि अर्पण और पूर्व सैनिक सम्मेलन” का आयोजन किया गया ताकि हमारे वीर सैनिकों के परिजनों और पूर्व सैनिकों की राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा और बलिदान के प्रति सम्मान, प्रतिबद्धताओं और एकजुटता को सुदृढ़ किया जा सके।

 

ये समारोह देहरादून के मुख्यालय उत्तराखंड सब एरिया में आयोजित किया गया था। ठंड के मौसम के बावजूद, लगभग 700 पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीरांगनाओं और सेवारत कर्मियों ने उपस्थित होकर इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए, स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर संजोग नेगी ने अद्वितीय साहस और बलिदान के साथ देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने में उनकी अदम्य भावना और सेवा के लिए पूर्व सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त किया और उन लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले सेवारत और सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों की भी सराहना की।

 

अन्य प्रमुख वक्ताओं में कर्नल वेटरन्स, निदेशक ईसीएचएस, कमांडेंट मिलिट्री हॉस्पिटल, निदेशक राज्य सैनिक बोर्ड और अध्यक्ष, यूईएसएल शामिल थे। उन्होंने पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए नवीनतम सुविधाओं और पहलों के बारे में सभी को अवगत कराया। कार्यक्रम का समापन आपसी व्यवहार और जलपान के साथ हुआ।

 

इस कार्यक्रम में प्रमुख पूर्व सैनिकों की उपस्थिति रही, जिनमें मेजर जनरल एएस असवाल (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, यूईएसएल, ब्रिगेडियर मुकुल भंडारी (सेवानिवृत्त), वरिष्ठ उपाध्यक्ष, यूईएसएल, कर्नल यूएस ठाकुर (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष, डीईएसएल, ब्रिगेडियर अमृत लाल (सेवानिवृत्त) शामिल थे। निदेशक आरएसबी और अन्य वरिष्ठ सेवानिवृत्त सशस्त्र बल अधिकारी भी इस समारोह मे शामिल हुए। इसी तरह के कार्यक्रम उत्तराखंड सब एरिया के अंतर्गत क्लेमेंट टाउन, रायवाला, रूड़की, लैंसडाउन, जोशीमठ, पिथोरागढ़, बनबसा, हलद्वानी और रानीखेत में भी आयोजित किए गए।

 

 

 

 

 

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